गाजियाबाद में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने का विरोध, पार्षद बोले- मनमानी कर जनता पर आर्थिक भार डाल रहा निगम
गाजियाबाद में डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर बढ़ाने का पार्षद विरोध कर रहे हैं। उन्होंने निगम मुख्यालय में बैठक की और बोर्ड बैठक बुलाने की मांग की ताकि निगम संपत्ति कर पर स्थिति स्पष्ट कर सके। पूर्व पार्षदों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिस पर निगम ने भी अपना पक्ष रखने के लिए कैविएट दाखिल की है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर बढ़ाने का विरोध लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार को निगम पार्षदों ने संपत्ति कर बढ़ाने के विरोध में मोर्चा खोला और निगम मुख्यालय में बैठक की। इसमें 20 पार्षद शामिल हुए।
पार्षदों ने की बैठक बुलाने की मांग
बैठक में संपत्ति कर पर चर्चा के लिए बोर्ड बैठक बुलाने की मांग की गई। पार्षदों ने निर्णय लिया कि सोमवार को सभी पार्षद महापौर से मिलकर बोर्ड बैठक कराने की मांग करेंगे, जिससे संपत्ति कर को लेकर निगम की तरफ से स्थिति स्पष्ट हो सके।
नगर निगम द्वारा मनमाने तरीके से डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर बढ़ाने के विरोध में तीन पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी, अनिल स्वामी व हिमांशु मित्तल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर नगर निगम ने हाई कोर्ट में केविएट दायर कर गुहार लगाई थी कि मामले में कुछ भी निर्णय देने से पहले निगम के पक्ष को सुना जाए। लिहाजा हाई कोर्ट ने नगर निगम को पक्ष रखने का एक मौका दिया है।
हाई कोर्ट में है मामला
मामले में अगली सुनवाई 29 जुलाई को होनी है। शहरवासियों के पास संपत्ति कर के बढ़े हुए बिल पहुंचने से जनता में तो आक्रोश है ही। साथ ही पार्षद भी विरोध में उतर आए हैं। वह महापौर व नगर आयुक्त से संपत्ति कर कम करने की मांग कर रहे हैं।
हालांकि नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अब यह मामला हाई कोर्ट में है। हाई कोर्ट का निर्णय मान्य होगा। मंगलवार को बैठक में सभी पार्षदों को बुलाया गया था लेकिन 20 पार्षद ही बैठक में पहुंचे। बैठक में गौरव सोलंकी, नीरज गोयल, राज कुमार, नरेश भाटी, पूनम सिंह, ओमप्रकाश, कुलदीप त्यागी, अजीत निगम व अभिषेक चौधरी आदि पार्षद मौजूद रहे।

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