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    गाजियाबाद के एक थाने में 12 लोगों का स्टाफ, 10 लापता बच्चों की जांच का जिम्मा मिला; तलाशे सिर्फ दो

    Updated: Mon, 12 May 2025 09:53 AM (IST)

    गाजियाबाद के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने में स्टाफ की कमी के बावजूद पिछले साल 10 लापता बच्चों के केस मिले जिनमें से केवल दो बरामद हुए। हालांकि पुलिस ने बाल श्रम से मुक्त कराए गए 54 बच्चों को भी बरामद किया। इस वर्ष थाने को 7 और केस मिले हैं। टीम लापता बच्चों को ढूंढने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

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    गाजियाबाद पुलिस की प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो सौजन्य- freepik

    विनीत कुमार, गाजियाबाद। मानव तस्करी रोकने के लिए बनाए गए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू ) थाने में जितना स्टाफ है उतने बच्चे भी पूरे साल में तलाशकर बरामद नहीं हो पाए है। बीते वर्ष इस थाने को 10 लापता बच्चों की जांच थानों से ट्रांसफर हुई थी जिनमें से दो बच्चे बरामद हुए। जबकि थानाध्यक्ष समेत 12 पुलिसकर्मियों का स्टाफ तैनात है।

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    तीन महीने बाद एएचटीयू को ट्रांसफर हो जाते हैं केस

    हालांकि बीते वर्ष मसूरी में समाज कल्याण विभाग और एनजीओ की मदद से मीट फैक्ट्री से मुक्त कराए 54 बच्चो को भी इसी थाने की पुलिस द्वारा बरामद दिखाया गया। इस वर्ष 30 अप्रैल तक थाने को सात लापता बच्चों के केस विवेचना के लिए ट्रांसफर हुए हैं।

    मानव तस्करी रोकने के लिए करीब तीन साल पहले गठित हुए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने में थानाध्यक्ष समेत 12 पुलिसकर्मियों की तैनाती है। थानों में दर्ज बच्चों की गुमशुदगी के मामले तीन महीने बाद एएचटीयू को ट्रांसफर हो जाते हैं।

    महत्वपूर्ण तथ्य

    • 2400 बच्चे बीते पांच वर्ष में जनपद से लापता हुए
    • 2200 बच्चों की रिवकरी हो गई, 200 की तलाश जारी
    • 30 बच्चे इस वर्ष बरामद किए गए हैं

    सात गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए केस हुए ट्रांसफर 

    लापता बच्चे की रिकवरी के लिए टीम का गठन किया जाता है। टीम सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन समेत अन्य स्थानों पर बच्चे की तलाश करती है। आसपास के जनपदों के शेल्टर होम में आए बच्चों की जानकारी जुटाकर अपने यहां लापता बच्चों का डाटा मिलाती है।

    उसके आधार पर बच्चों की तलाश की जाती है। शेल्टर होम में जाने वाले बच्चों की मॉनीटरिंग भी करती है। इस वर्ष एएचटीयू पर सात गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए केस ट्रांसफर हुए हैं। बीते वर्ष एएचटीयू ने 242 बच्चों को बरामद किया है। इनमें दो बच्चे वे हैं जिनकी जांच का जिम्मा मिला था।

    एएचटीयू में थानों से लापता बच्चों के मुकदमे ट्रांसफर होकर आते हैं। उनकी विवेचना कर बच्चों की तलाश का काम टीम बनाकर किया जाता है। बीते वर्ष थानों से आई 10 विवेचना में दो बच्चे तलाशे गए जबकि कुल 242 बच्चे बरामद किए गए।

    पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी क्राइम