Ghaziabad Pollution: गाजियाबाद में सांसों पर प्रदूषण का वार, आठ महीने में छह दिन मिली 'शुद्ध' हवा
गाजियाबाद में प्रदूषण की स्थिति गंभीर है। इस साल जनवरी से 16 सितंबर तक केवल 6 दिन ही साफ हवा मिली। अवैध फैक्ट्रियों का धुआं टूटी सड़कें और वाहनों का दबाव प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। बीते वर्षों में भी स्थिति बेहतर नहीं रही। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्रवाई कर रहा है लेकिन प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है।

राहुल कुमार, गाजियाबाद। बेहतर सुविधाओं की उम्मीद लेकर लोग एनसीआर में आते हैं। जीवनभर की कमाई से बहुमंजिला इमारतों में घर खरीदते हैं। यहां लोगों को जीवन आसान बनाने के लिए पैसे के बल पर तमाम सुविधाएं तो मिल जाती हैं, लेकिन साफ हवा के लिए वर्षभर तरसते रहते हैं।
वर्ष में माह के बराबर दिन भी साफ हवा नहीं मिल पाती है। इस वर्ष अभी तक एक जनवरी से 16 सितंबर यानी करीब साढ़े आठ माह में छह दिन ही शुद्ध हवा मिल सकी है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 50 से कम रहा है। वर्ष के शुरुआती छह माह में जनवरी से जून तक एक दिन भी साफ हवा नहीं रही।
बीते वर्ष महज 15 दिन मिली साफ हवा
वहीं, बीते वर्ष 2024 में महज 15 दिन ही साफ हवा मिल सकी थी। वर्ष 2021 व 2023 में महज 10-10 दिन ही साफ हवा मिली। जिले की करीब 45 लाख की आबादी की सांसों पर प्रदूषण का संकट बना रहता है।
हवा 47 दिन खराब व सात दिन बेहद खराब श्रेणी में रही। हालांकि अभी तक हवा गंभीर श्रेणी (एक्यूआई 400 पार) तक नहीं पहुंची है। लोग केवल इस इंतजार में रहते हैं कि वायु प्रदूषण से राहत कब मिलेगी? पेश है साहिबाबाद से राहुल कुमार की रिपोर्ट :
जनवरी से अभी तक किस तिथि को साफ रही हवा और कितना एक्यूआई
दिनांक | एक्यूआई |
---|---|
14 जुलाई | 40 |
15 जुलाई | 41 |
31 जुलाई | 47 |
26 अगस्त | 44 |
एक सितंबर | 48 |
दो सितंबर | 48 |
इस वर्ष अभी तक कितने दिन किस श्रेणी में रही हवा
माह | शुद्ध | संतोषजनक | मध्यम | खराब | बेहद खराब |
---|---|---|---|---|---|
जनवरी | 00 | 02 | 13 | 11 | 04 |
फरवरी | 00 | 18 | 07 | 03 | 00 |
मार्च | 00 | 01 | 11 | 16 | 03 |
अप्रैल | 00 | 01 | 16 | 13 | 00 |
मई | 00 | 07 | 21 | 03 | 00 |
जून | 00 | 11 | 18 | 01 | 00 |
जुलाई | 03 | 21 | 07 | 00 | 00 |
अगस्त | 01 | 19 | 11 | 00 | 00 |
सितंबर | 02 | 06 | 08 | 00 | 00 |
कुल | 06 | 86 | 112 | 47 | 07 |
किस वर्ष कितने दिन साफ व गंभीर श्रेणी में रही हवा
वर्ष | साफ | गंभीर |
---|---|---|
2020 | -13 | -24 |
2021 | -10 | -22 |
2022 | -12 | -02 |
2023 | -10 | -03 |
2024 | -15 | -03 |
2025 (16 सितंबर तक) | -06 | -00 |
एक्यूआइ के आधार पर हवा की श्रेणी
एक्यूआई श्रेणी | विवरण |
---|---|
0 से 50 | अच्छी |
51 से 100 | संतोषजनक |
101 से 200 | मध्यम |
201 से 300 | खराब |
301 से 400 | बेहद खराब |
401 से ऊपर | गंभीर |
जिले में ये हैं प्रदूषण के मुख्य कारण
- बड़ी संख्या में अवैध फैक्ट्रियों से निकलता धुआं।
- टूटी सड़कों पर उड़ती धूल।
- वाहनों के अधिक दबाव के कारण जाम।
- उम्र पूरी कर चुके वाहनों का संचालन।
चिह्नित किए हॉटस्पॉट, कार्रवाई दूर तक नहीं
- साहिबाबाद
- राजनगर एक्सटेंशन
- लोनी
- भोपुरा-दिल्ली बॉर्डर
- वसुंधरा
- सिद्धार्थ विहार
सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की रोकथाम के लिए प्राथमिकता से कार्य किए जा रहे हैं। निगरानी के लिए टीम भी बनाई गई हैं। प्रदूषण फैलाने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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