Ghaziabad News: लोनी बस अड्डे पर फायरिंग मामले में दोषमुक्त हुए आरोपी, आखिर डिपो पर किसने किया था खूनखराबा?
गाजियाबाद के लोनी बस अड्डे पर फायरिंग मामले में कोर्ट ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। 29 अप्रैल को हुई इस घटना में गौरव शर्मा नामक युवक को गोली लगी थी। पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल की थी लेकिन कोर्ट में पर्याप्त सबूत न होने के कारण उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया।

हसीन शाह, गाजियाबाद। लोनी बस डिपो पर 29 अप्रैल की उस रात को यात्री जब याद करते हैं तो उनकी रूह कांप जाती है। उस रात बस अड्डे पर कुछ यात्री उपस्थित थे। दो पक्षों में मामूली विवाद होने पर पिस्टल से गोलियां बरसनी शुरू हो गईं थीं। गौरव को सात गोली लगने का दावा किया गया था।
गौरव शर्मा लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गए। डिपो में दहशत फैल गई थी। लोग जान बचाकर भाग रहे थे। पुलिस की जांच में तीन युवकों का नाम सामने आए थे। पुलिस ने हत्या का प्रयास सहित अन्य धारा में तीनों को आरोपित बनाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट में लंबी सुनवाई चली। शनिवार को न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए साक्ष्य के अभाव हुए तीनों आरोपितों को बरी कर दिया।
अब सवाल ये है कि आखिर उस दिन बस अड्डे पर खूनखराबा किसने किया था? बचाव पक्ष के वकील नदीम चौधरी ने बताया कि अमर कालोनी गोकुलपुरी दिल्ली की सुनीता ने लोनी बार्डर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
सुनीता के मुताबिक उसका बेटा गौरव शर्मा जागरण पार्टी में हनुमान का अभिनय करता है। उसके साथ आदित्य शेरवाल भी काम करता है। वह आदित्य के साथ 29 अप्रैल 2024 को लोनी बस डिपो के सामने कैंटीन पर खाना खा रहा था। तभी वहां आदित्य के साथ तीन युवकों ने मारपीट की। उनका बेटा गौरव बीच बचाव करने पहुंचा।
तीनों युवकों ने उनके बेटे के ऊपर पिस्टल से जान से मारने की नीयत से फायरिंग शुरू कर कर दी। बेटे को कई गोलियां लगी थीं। मौके पर दहशत फैल गई थी। उनके बेटे को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बेटे के दोस्त विकास और सुमित ने फोन कर घटना की उन्हें जानकारी दी थी। इस घटना में निखिल डबास उर्फ डब्बा, पूरन व दीपक यादव उर्फ भवानी के नाम सामने आए।
निखिल डबास और दीपक यादव हुए थे गिरफ्तार
पुलिस ने पांच मई 2024 निखिल डबास और दीपक यादव को नहर रोड रेलवे अंडर पास बंथला रोड से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने चार्जशीट में निखिल के पास से अवैध चाकू और दीपक के पास से अवैध तमंचा बरामद होने बात कही थी। पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
शनिवार इस मामले में अंतिम सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से इसमें कोई मजबूत साक्ष्य पेश नहीं किया गया। कोर्ट में आरोप साबित नहीं हो सका। अपर सत्र न्यायाधीश शिव कुमार तिवारी ने साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए तीनों को दोषमुक्त कर दिया। आरोपितों के दोषमुक्त होने पर सवाल उठ रहा है कि उस दिन किसने पिस्टल से गोलियां बरसाईं थीं।
पुलिस का पक्ष रह गया कमजोर
इस केस में पुलिस गौरव को अस्पताल ले जाने वाले सुमित को कोर्ट में पेश नहीं कर पाई। वहीं पुलिस ने आदित्य शेरवाल को भी कोर्ट में पेश नहीं किया। इस केस में दोनों महत्वपूर्ण गवाह थे। इससे केस कमजोर हो गया। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने केस को मजबूती से लड़ा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।