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    गाजियाबाद में नामांकन में फर्जीवाड़ा: आधार हुआ अनिवार्य तो पांच साल में घटे 32 हजार नामांकन

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 09:20 AM (IST)

    गाजियाबाद के परिषदीय स्कूलों में दाखिले के लिए आधार अनिवार्य होने के बाद नामांकन संख्या में कमी आई है। यू-डायस पोर्टल पर आधार अपडेट करने से पारदर्शिता बढ़ी है जिससे पांच साल में 32 हजार नामांकन कम हो गए। फर्जी नामांकन रोकने और योजनाओं का लाभ सही छात्रों तक पहुंचाने के लिए आधार अनिवार्य किया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नामांकन बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

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    नामांकन में फर्जीवाड़ा : आधार हुआ अनिवार्य तो पांच साल में घटा 32 हजार नामांकन

    दीपा शर्मा, गाजियाबाद। परिषदीय में दाखिले के लिए आधार अनिवार्य होने के साथ हर साल दाखिलों की संख्या घटती जा रही है। हालांकि बच्चे शिक्षा से वंचित न रहें इसके लिए स्कूलों में अब तक बिना आधार के भी दाखिले लिए जा रहे थे। लेकिन अब यू-डायस पोर्टल पर सभी विद्यार्थियों का आधार समेत डाटा अपडेट करना अनिवार्य कर दिया गया। आधार की वजह से पारदर्शिता बढ़ने के साथ पांच साल में 32 हजार नामांकन संख्या घट गई।

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    सभी विद्यालयों को अब यू-डायस पोर्टल पर स्कूल, विद्यार्थी एवं शिक्षक प्रोफाइल डाटा एंट्री करनी होती है। विद्यार्थी प्रोफाइल में विद्यार्थियों का आधार समेत अन्य विवरण दर्ज करना पड़ता है। इस डाटा के आधार पर सभी विद्यार्थियों को पेन नंबर मिलता है और पेन नंबर से अपार आइडी मिलती है।

    डाटा एंट्री नहीं करने पर विद्यार्थियों को 10वीं व 12वीं बोर्ड में रजिस्ट्रेशन या अन्य स्कूल में दाखिला लेने में दिक्कत आती है। जिसकी वजह से अब स्कूलों में आधार अनिवार्य कर दिया गया है। जिससे अब किसी भी बच्चे का न तो दो स्कूल में दाखिला हो सकता है और न ही फर्जी तरीके से नामांकन संख्या बढ़ाई जा सकती है।

    इसके अलावा विद्यार्थियों को यूनिफार्म का लाभ डीबीटी के माध्यम से मिलता है। डीबीटी पोर्टल पर यूनिफार्म की धनराशि एवं अन्य योजनाओं के लाभ के लिए भी आधार समेत विवरण अपडेट करना होता है।

    फर्जी तरीके से बढ़ा दिया जाता था नामांकन

    नामांकन का लक्ष्य पूरा करने के लिए कई विद्यालयों में जहां विद्यार्थियों की संख्या कम होती थी, शिक्षक फर्जी तरीके से नामांकन कर लेते थे। जिसमें कई ऐसे बच्चे होते थे जिनका निजी या सरकारी विद्यालय में दाखिला होता था और दूसरे परिषदीय विद्यालय में भी नामांकन कर लिया जाता था।

    कई बार अभिभावक योजनाओं का लाभ लेने के लिए दो स्कूल में नामांकन करा देते थे। सत्र 2021-22 में डीबीटी के लिए आधार की अनिवार्यता नही थी। डीबीटी का सीधा लाभ खाते में मिला था। मिड-डे-मील की कंवर्जन राशि भी अभिभावकों के खाते में मिली थी। लेकिन अब यू-डायस के साथ डीबीटी पोर्टल पर भी आधार अनिवार्य कर दिया गया है।

    पिछले सात साल में नामांकन की स्थिति

             सत्र - छात्र संख्या

    • 2025-26 - 87,000
    • 2024-25 - 91,000
    • 2023-24 - 85,000
    • 2022-23 - 1,01,221
    • 2021-22 - 1,17,257
    • 2020-21 - 1,19,259
    • 2019-20 - 1,15,154

    जिले में एडेड, परिषदीय विद्यालय संख्या

    • परिषदीय विद्यालय - 446
    • कस्तूरबा - 4
    • सहायता प्राप्त उच्च प्राथमिक - 15
    • सहायता प्राप्त प्राथमिक - 1
    • कंपोजिट एडेड सहायता प्राप्त - 8
    • एडेड सहायता प्राप्त मा. इंटर कॉलेज - 54

    अभी 30 सितंबर तक दाखिले होने हैं। प्रयास है कि आउट आफ स्कूल बच्चों का दाखिला कराकर नामांकन संख्या बढ़ाई जाए। बीते वर्ष का आंकड़ा जरूर पार हो जाएगा। अभी तक प्री प्राइमरी की कक्षाएं संचालित नहीं होती थीं। अब बाल वाटिका का संचालन शुरू हो गया है तो हर साल नामांकन संख्या बढ़ेगी।

    - ओपी यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजियाबाद

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