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    61 साल की पत्नी की दादागीरी से तंग 63 वर्ष के पति ने दिया तलाक, कहा- थक गया हूं डिमांड और अपमान से

    गाजियाबाद में एक अनोखा मामला सामने आया है जहाँ 63 वर्षीय पति ने 61 वर्षीय पत्नी से तलाक ले लिया। पति ने पत्नी पर दादागिरी करने और अपमानित करने का आरोप लगाया। मध्यस्थता के बाद तलाक मंजूर हो गया। पति ने अपनी आठ बीघा जमीन और मकान पत्नी के नाम कर दिया और खुद भूतल में रहने लगा।

    By Hasin Shahjama Edited By: Neeraj Tiwari Updated: Wed, 20 Aug 2025 07:49 PM (IST)
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    बुजुर्ग पत्नी दिखाती थी दादागिरी, 63 वर्षीय पति ने दिया तलाक

    हसीन शाह, गाजियाबाद। आज के दौर में तलाक की खबर कोई बड़ी बात नहीं। फिर भी गाजियाबाद का यह मामला अलग है। कारण है, पति-पत्नी की आयु। दादा-नानी बनने की उम्र में पत्नी के खर्चीले मांग को पूरा करते-करते बूढ़ा पति चिढ़ गया। घर का झगड़ा कोर्ट पहुंच गया। वहां भी वही हाल। कोई समझौते को तैयार न हुआ। सुनवाई करने वाला जज भी हो गया हैरान। वकील तो परेशान था ही। बहुत मान-मनौव्वल के बाद भी दंपती नहीं माने। पति बोलता रहा, "बहुत हुआ। पत्नी दादागिरी दिखाती है। सामान मंगाती है और न लाओ तो धमकाती है।" आखिरकार, 63 वर्ष की उम्र में बुजुर्ग पति ने 61 वर्षीय पत्नी को तलाक दे दिया। पति की जिद पर मध्यस्थता अधिकारी ने दोनों के तलाक पर मुहर लगा दी।

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    अब मामले को विस्तार से समझिए...

    दोनों पति-पत्नी एक गांव में रहते हैं। पति के नाम पर कृषि की आठ बीघा भूमि और मकान था। दोनों के तीन बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। दूसरी बेटी बैंक में नौकरी करती है। तीसरी  बेटी और बेटा अविवाहित हैं। वह दोनों घर पर ही रहते हैं।

    मध्यस्थता अधिकारी सुरेंद्रपाल सिंह ने बताया कि बुजुर्ग पति ने कोर्ट में पत्नी से तलाक लेने का केस दायर किया था। उनके पास यह केस 31 जुलाई 2025 को आया। उन्होंने दोनों पक्षों को बुलाकर समझाया। पत्नी तलाक लेना नहीं चाहती थी लेकिन पति तलाक देने पर अड़ा था।

    'अपमानित करती है, डिमांड करती है'

    मध्यस्थता अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पति से कहा कि यह आयु साथ रहने की है। दोनों साथ रहेंगे तो बेहतर रहेगा लेकिन पति तलाक देने की जिद करता रहा। कारण पूछने पर पति ने बताया कि पत्नी दादागिरी दिखाती है। वह अपनी मर्जी चलाती है। अपनी इच्छानुसार खाने व कपड़े सहित अन्य सामान मंगाती है। उनका आदेश हर आदेश का पालन नहीं करती। उन्हें अपमानित करती है। पिछले दो-तीन वर्ष पत्नी व्यवहार में ज्यादा बदलाव आया है। वह उसके साथ नहीं रह सकता है। सुरेंद्र पाल ने बताया कि मध्यस्थता केंद्र पर तीसरी तारीख पर ही दोनों का तलाक करा दिया गया।

    पत्नी के नाम कर दिया सबकुछ

    पति ने कृषि की आठ बीघा भूमि और मकान पत्नी के नाम कर दिया। उसने मकान के भूतल पर रहना शुरू कर दिया है।  पत्नी अपनी बेटी और बेटे के साथ प्रथम तल पर रहने लगी है। बैंककर्मी बेटी गाजियाबाद से बाहर रहकर नौकरी करती है और पिता का खर्चा वहन कर रही है। तलाक के बाद एक मकान में रहते हुए भी पति-पत्नी की बोलचाल बिल्कुल बंद हो गई है। हालांकि, वह बच्चों से बात कर लेते हैं।

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