Ghaziabad Wall Collapse: महागुन मेंशन सोसाइटी की दीवार गिरने से बड़ा हादसा, कई गाड़ियां मलबे में दबी
साहिबाबाद के वार्ड 99 में महागुन मेंशन सोसाइटी की दीवार गिर गई है। दीवार गिरने से कई गाड़िया दीवार के नीचे दब गई हैं। दीवार गिरने के कारण इलाके में अफरा तफरी मच गई है। पार्क की गई गाड़ियों पर दीवार का मलबा जा गिरा।

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। इंदिरापुरम की महागुन मेंशन फेज वन सोसायटी की चारदीवार भरभराकर गिर गई। दीवार के नीचे चार कारें दब गई। यदि कार में लोग बैठे हुए होते या फिर दीवार सोसायटी में अंदर की ओर गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। मौके पर पहुंची पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम ने कारों के ऊपर से मलबा हटाया। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
महागुन मेंशन फेज वन परिसर की दीवार के पास से नाला जा रहा है। इस दीवार की ऊंचाई करीब 10 फीट व लंबाई करीब 60 फीट है। लोगों का कहना है कि दीवार का मेंटेनेंस नहीं कराया जा रहा था। नाले का पानी दीवार की नींव में रिस रहा था। दीवार की नीवं कमजोर हो गई।
बुधवार शाम पांच बजे चार टैक्सी चालकों ने अपनी कार दीवार के पास खड़ी कर दी। कार से निकलकर चालक भोजन कर रहे थे। मलबा गिरने से चारों कार क्षतिग्रस्त हो गईं। इस दौरान कार के अंदर कोई व्यक्ति नहीं था। मौके पर पहुंची पुलिस ने सबसे पहले मलबा हटाने का काम शुरू कराया। लोगों से यह पूछा कि कार के अंदर कोई व्यक्ति तो नहीं था। इसके बाद अग्निशमन विभाग की टीम ने मलबा हटाया। कार क्षतिग्रस्त होने पर टैक्सी चालकों ने दीवार गिरने के लिए जिम्मेदार लोगाें इसकी भरपाई करने की मांग की है।
दीवार के पास खेलते हैं बच्चे
इस दीवार के पास सोसायटी व सड़क पर बाहर बच्चे खेलते हैं। गनीमत रही कि हादसे के दौरान बच्चे दीवार के पास नहीं खेल रहे थे। दीवार गिरने के बाद अभिभावक चिंतित नजर आए। सोसायटी लोगों ने अपने बच्चों के सोसायटी परिसर की दीवार के पास जाने से रोक दिया है। स्थानीय निवासी प्रवीण वर्मा ने बताया इस तरह की लापरवाही से किसी भी व्यक्ति की जान जा सकती थी। इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
व्यापारियों ने जताया आक्रोश
दीवार गिरने के बाद राहगीरों ने सोसायटी के अधिकारियों लोगों के खिलाफ आक्राेश है। पास की मार्केट के व्यापारियों ने भी दीवार के लिए सोसायटी के आरडब्ल्यूए को जिम्मेदार बताया है। व्यापारी किशोर ठाकुर ने बताया कि दीवार का नियमित मेंटनेंस नहीं किया गया। मलबे में दबने के बाद किसी भी व्यक्ति का बचना मुश्किल था। नाला ऊपर से खुला हुआ है। जीडीए के अधिकारियों को भी नाला ठीक कराना चाहिए।

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