गाजियाबाद में अपराधियों का आतंक, गनपॉइंट पर बुलाकर गहने और पैसे मंगवाए, फिर तीन घंटे तक नेशनल शूटर को हाईवे पर घुमाया
ग्रेटर नोएडा के कारोबारी मयंक मिश्रा को बदमाशों ने बंधक बनाकर एनएच-9 पर घुमाया। पीड़ित के अनुसार भाई द्वारा डायल 112 पर सूचना देने के बावजूद पुलिस सक्रिय नहीं हुई। बदमाशों ने फिरौती मांगी और बाद में मयंक को मोहन नगर के पास छोड़ दिया। पीड़ित को एफआईआर दर्ज कराने और मेडिकल करवाने में भी पुलिस की लापरवाही का सामना करना पड़ा। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। ग्रेटर नोएडा निवासी कारोबारी मयंक मिश्रा को बंधक बनाकर एनएच-9 पर तीन घंटे तक घुमाने के मामले में पुलिस की सतर्कता और नए कानून में कहीं भी सूचना व शिकायत देने के प्रावधान पर सवाल उठे हैं। विजयनगर व क्रासिंग थाना पुलिस ने सूचना मिलने के बाद भी पीड़ित का पीछा किया।
पीड़ित का दावा है कि उसके भाई ने डायल 112 पर पुलिस को घटना की सूचना दी थी, इसके बाद भी बदमाश 45 मिनट तक हाईवे पर कार दौड़ाते रहे, लेकिन पुलिस सक्रिय नहीं हुई। पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई थी। कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी की जा रही है।
ग्रेटर नोएडा की सुपरटेक इको विलेज-1 सोसायटी निवासी मयंक मिश्रा के मुताबिक, वह राष्ट्रीय स्तर के शूटिंग खिलाड़ी हैं और अपनी डिजिटल मार्केटिंग कंपनी भी चलाते हैं। बुधवार रात करीब 11:30 बजे वह अपने दोस्त को उत्तराखंड जाने के लिए बस में बैठाने आए थे।
आईपीईएम कॉलेज के पास बस में सवारियों को बैठाने के बाद वह अपनी स्विफ्ट कार में बैठे, तभी तीन बदमाशों ने उन्हें तमंचे के बल पर बंधक बना लिया और उनकी ही कार में डासना ले गए।
एक बदमाश कार चला रहा था। बदमाशों ने उसकी कनपटी पर पिस्तौल और जांघ पर चाकू लगा दिया। इस बीच, उन्होंने उसके भाई को वीडियो कॉल पर धमकाया और कहा कि अगर अपने भाई की सलामती चाहते हो, तो पैसे और जेवर लेकर आओ।
पीड़ित का कहना है कि रात करीब डेढ़ बजे बदमाशों के कहने पर उसके भाई ने 90 हजार रुपये, दो चेन और सिक्के शर्ट में बांधकर एबीईएस कॉलेज के पास डिवाइडर पर रख दिए। बदमाश गड्डी लेकर मयंक को हाईवे पर कार में घुमाते रहे।
पीड़ित का कहना है कि इस बीच उसके भाई ने डायल 112 पर पुलिस को मामले की सूचना दी, लेकिन पुलिस सक्रिय नहीं हुई। रात करीब सवा दो बजे बदमाश उसे मोहन नगर स्थित डीसीपी ट्रांस हिंडन के ऑफिस के पास कार समेत छोड़कर फरार हो गए।
दो थानों के चक्कर लगाए
इसके बाद भी पीड़ित की परेशानी कम नहीं हुई। उसे क्रॉसिंग और विजय नगर थाने ले जाया गया। दोनों थानों की पुलिस ने पूरे मामले में लापरवाही बरती। पीड़ित के मुताबिक, डीसीपी ट्रांस हिंडन के कार्यालय में उसकी मुलाकात एक पुलिसकर्मी से हुई। जब उसने उसे अपनी समस्या बताई, तो उसने उसे विजय नगर थाने भेज दिया। जब वह विजय नगर थाने पहुंचा, तो पुलिसकर्मी खुद उसे विजय नगर से क्रॉसिंग थाने ले गए।
वहां उसे इंतजार कराया गया, तो वह खुद ग्रेटर नोएडा के सर्वोदय अस्पताल में मेडिकल और इलाज के लिए गया। चूँकि यह पुलिस का मामला था, इसलिए अस्पताल वालों ने उसे बताया कि पुलिस सरकारी अस्पताल में मेडिकल करवाएगी। इसके बाद पीड़ित नोएडा के सरकारी जिला अस्पताल पहुंचा।
वहां उसे बताया गया कि पुलिस उसे एमएलसी के लिए लाएगी। मयंक के मुताबिक, वह नोएडा के अस्पताल से सीधे क्रॉसिंग थाने आया। क्रॉसिंग के पुलिसकर्मियों ने उसे विजय नगर थाने भेज दिया। विजय नगर पुलिस गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे पीड़ित को मेडिकल के लिए लेकर आई।
पीड़ित को एफआईआर की कॉपी तक नहीं दी गई
पीड़ित मयंक के अनुसार, गुरुवार सुबह घटना की जानकारी मिलने के बाद भी, शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे उनकी एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस कमिश्नर द्वारा वादी को एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराने के आदेश के बाद भी, उन्हें शुक्रवार शाम तक एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई।
शाम करीब सात बजे उन्होंने खुद विजयनगर थाने से एफआईआर की कॉपी ली। पीड़ित मयंक का कहना है कि वह राष्ट्रीय स्तर के शूटर हैं। बदमाशों ने उनकी एयर पिस्टल, शूटिंग ग्लास, कारतूस और 1.70 लाख रुपये कीमत के एयरपैड भी लूट लिए।
डायल-112 पर सूचना नहीं दी गई। विजयनगर थाने में सूचना मिलने के बाद पुलिस तुरंत सक्रिय हुई और जांच शुरू कर दी। मामले में संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही घटना का पर्दाफाश किया जाएगा।
-धवल जायसवाल, डीसीपी सिटी
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