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    लॉकडाउन में शुरू किया था हैंडीक्राफ्ट का काम, अब 16 महिलाओं को रोजगार दे रहीं गाजियाबाद की कामिनी शर्मा

    Updated: Mon, 24 Mar 2025 01:58 PM (IST)

    राजनगर एक्सटेंशन की रहने वाली कामिनी शर्मा ने कोरोना के दौरान जब लॉकडाउन लगा तो हौंसला नहीं हारा बल्कि अपनी कला से आपदा को अवसर में बदला। उन्होंने लॉकडाउन में घर बैठे हैंडीक्राफ्ट का काम शुरू किया था। इसके जरिए विदेश में पहचान बनाई। हैंडीक्राफ्ट के जरिए उन्होंने न सिर्फ खुद को स्थापित किया बल्कि अन्य महिलाओं को भी सशक्त बनाया। जानिए उनकी सफलता की कहानी।

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    राजनगर एक्सटेंशन की कामिनी शर्मा की फाइल फोटो। सौ.- स्वयं

    हसीन शाह, गाजियाबाद। कोरोना से बचने के लिए लॉकडाउन लगा तो कुछ लोगों के सामने रोजगार संकट पैदा हो गया। वहीं कुछ लोगों के लिए यह आपदा अवसर लेकर भी आई। राजनगर एक्सटेंशन की रहने वाली कामिनी शर्मा ने लॉकडाउन में अपनी कला कारोबार में बदला तो उन्हें एक नई पहचान मिल गई।

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    देशभर से मिल रहे ऑर्डर

    उन्हें हैंडीक्राफ्ट का काम पहले से आता था,  लेकिन उनकी कला को पहले कभी प्लेटफार्म नहीं मिल पाया लॉकडाउन में उन्होंने हैंडीक्राफ्ट बनाकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर किया तो उन्हें ऑर्डर मिलने शुरू हो गए। औद्योगिक इकाई खोलकर वह 16 महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। वर्तमान में देशभर से उन्हें ऑर्डर मिल रहे हैं। खाड़ी देशों में भी उनका सामान निर्यात होता है।

    ओखला औद्योगिक क्षेत्र में हस्तशिल्प का काम करती महिलाएं। सौ. स्वयं

    पहले क्या करती थीं कामिनी शर्मा?

    राजनगर एक्सटेंशन की कामिनी शर्मा छोटे निजी स्कूल में शिक्षिका की नौकरी करती थीं। इस नौकरी से ही वह अपना घर चलाती थीं। उन्हें हैंडीक्राफ्ट का काम पहले से आता था। वह इसे केवल कला समझती थी जो उन्होंने केवल घर को सजाने व संवारने के लिए सीखी थी। कोरोना के समय लॉकडाउन लग गया।

    ऐसे में कामिनी की नौकरी छूट गई। उस दौरान काफी लोगों के सामने नौकरी का संकट आया था। वह भी इस संकट से अछूती नहीं रहीं। ऐसे में कामिनी ने हैंडीक्राफ्ट से उत्पाद बनाकर उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर किया। वह लगातार सोशल मीडिया पर अपने काम का प्रदर्शन करती रहीं।

    तैयार करा रहीं 50 से ज्यादा उत्पाद

    लोगों ने उनके काम की काफी सराहना की। उन्हें काम के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए। वर्तमान में वह हैंड मेड दीवार खडी, हैंड मेड डाइनिंग टेबल, हैंड मेड वाल आर्ट, वाल पेंटिंग, हैंड मेड रेजिन डोर, फ्लोर की सजावट का सामान आदि 50 से ज्यादा उत्पाद बना रही हैं।

    पहले यह काम वह घर से ही कर रही थीं। एक वर्ष पहले उन्होंने न्यू ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेज टू में इकाई खोली। इस इकाई में 16 महिलाओं काम करते हैं। वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों के साथ दुबई, कतर, ओमान सहित अन्य देशों में भी उनका माल निर्यात होता है।

    दूसरों को भी बना रही हैं सक्षम

    कामिनी शर्मा ने बताया कि वह लोगों को भी हैंडीक्राफ्ट का प्रशिक्षण देने जाती हैं। जिससे अन्य लोग भी प्रशिक्षण लेकर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। उनके पास जो 16 महिलाएं काम कर रही हैं, उन्होंने पहले उन्हें प्रशिक्षण दिया गया था।

    उन्होंने बताया कि काेरोना में उनके पास समय बहुत था लेकिन वह घर से बाहर नहीं जा सकते थे। ऐसे में उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्हें एक नई पहचान मिली। अब वह जेमिनी क्रिएशंस के नाम से हैंडीक्राफ्ट की कंपनी चला रही हैं।

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