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    गाजियाबाद में उद्योग लगाने को 1676 उद्यमियों ने मांगी 548 एकड़ जमीन, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 09:58 AM (IST)

    गाजियाबाद में उद्योग लगाने के लिए 1676 उद्यमियों ने 548 एकड़ जमीन की मांग की है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कई एमओयू साइन हुए लेकिन जमीन की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है। किसानों द्वारा जमीन के दाम बढ़ाने से निवेशकों की लागत बढ़ रही है। जिला प्रशासन और यूपीसीडा निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। महंगी जमीन प्रोजेक्ट की राह में रोड़ा बन रही है।

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    गाजियाबाद के औद्योगिक क्षेत्र का ओवर व्यू l फोटो- जागरण

    शाहनवाज अली, गाजियाबाद। गत वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, हरियाणा के 3,675 निवेशकों ने जनपद में उद्योग लगाने के लिए एमओयू साइन किए थे।

    इनमें से अभी तक 145 ही धरातल पर उतरे हैं, जबकि 1,676 निवेशकों ने औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए संबंधित उद्योग विभाग और जिला प्रशासन से जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है।

    3675 निवेशकों ने 1,26,120 करोड़ रुपये के एमओयू किए थे साइन

    ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2024 में गाजियाबाद में उद्योग स्थापित करने के लिए 3,675 उद्योगपतियों ने 1,26,120 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के लिए एमओयू साइन किए थे। इन उद्योगों के धरातल पर उतरने से 6,51,502 लोगों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया होंगे।

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    अभी 249 निवेशकों के पास जमीन उपलब्ध है, जिसमें वह 31,933 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इससे 42,801 रोजगार का सृजन हो सकेगा। इस सबके बीच जमीन की अनुपलब्धता जिले के उद्योगों में होने वाले करोड़ों के निवेश में रोड़ा बन रही है। इसके लिए कई बार जिला उद्योग लेकर जिला प्रशासन व शासन से निवेशकों ने जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है।

    सरकार ने नियुक्त किए हैं उद्यम मित्र

    निवेशकों प्रोजेक्ट को लेकर किसी तरह की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए शासन की ओर से उद्यमी मित्रों की प्रदेश के अन्य जिलों के साथ गाजियाबाद के उद्योग केंद्र में भी तैनाती की गई थी, जो निवेशकों से संपर्क कर उनकी समस्याओं को शासन तक पहुंचा रहे हैं।

    सरकार का यह महत्वाकांक्षी प्रयास जिले में परवान नहीं चढ़ा है। वजह, निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए उचित दाम पर जमीन उपलब्ध न हो पाना है।

    3675 निवेशकों में सिर्फ 249 के पास जमीन

    जिले में निवेश के लिए 3675 निवेशकों में सिर्फ 249 के पास ही उद्योग लगाने के लिए अपने पास जमीन है, जिन्होंने 31,933 करोड़ रुपये के निवेश के लिए अएमओयू साइन किए हैं।

    इनमें से 18 हजार करोड़ के 145 उपक्रम धरातल पर उतरते नजर आ रहे हैं। इनमें हाउसिंग, फूड प्रोसेसिंग के अलावा एमएसएमई इकाइयां शामिल हैं। 1,676 निवेशकों ने 548 एकड़ जमीन के लिए सारथी पोर्टल पर मांग दर्ज की है।

    निवेशकों को जीडीए के महायोजना 2031 के तहत विकसित होने वाले इंडस्ट्रियल लैंड के अलावा यूपीसीडा के करीब 200 सब डिवीजन भूखंड की जानकारी दी जा रही है। ताकि वह अपने प्रोजेक्ट के हिसाब से जमीन ले सकें। इसके अलावा विभागीय स्तर पर हरसंभव सहायता की जा रही है।

    - श्रीनाथ पासवान, उपायुक्त उद्योग

    महंगी जमीन प्राेजेक्ट की राह में रोड़ा

    जिले में निवेशकों के सामने अपने प्रोजेक्ट को लगाने के लिए सबसे बड़ी समस्या जमीनों का महंगा होना है। निवेशकों का कहना है कि प्रशासन ने उन्हें जमीनों पर उद्योग लगाने के लिए खसरा नंबर दिए हैं।

    जमीन के मालिकान किसानों से स्वयं संपर्क कर जमीनें खरीदने के लिए कहा है। ऐसे में किसानों ने अपनी जमीनों के दाम बढ़ा दिए हैं। इस कारण हमारी सारी पूंजी केवल जमीनों को खरीदने में ही जा रही है। यही वजह है कि अधिकांश प्रोजेक्ट अधर में लटके हैं।

    प्रोजेक्ट लगाने के लिए बहुत से निवेशक तैयार हैं, लेकिन जमीन की अनुपलब्धता आड़े आ रही है। जिला प्रशासन स्तर पर जमीन के लिए जो विकल्प दिए जा रहे हैं, जो निवेशकों के प्रोजेक्ट लागत से कहीं अधिक है। इस कारण निवेशक जमीन खरीद पाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

    राकेश अनेजा, आइआइए मंडल अध्यक्ष