साहिबाबाद के 1636 उद्योगों पर बढ़ गया मेंटेनेंस चार्ज का बोझ, 25 हजार चुकाने वालों को देने होंगे एक लाख
यूपीसीडा को औद्योगिक क्षेत्र हस्तांतरित होने के बाद गाजियाबाद के उद्योगों पर मेंटेनेंस चार्ज का बोझ बढ़ गया है। साहिबाबाद के उद्योगों को दोगुना शुल्क देना होगा। उद्यमियों का आरोप है कि अन्य जिलों की तुलना में गाजियाबाद में अधिक शुल्क लगाया जा रहा है। इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने दर को भूखंड के आकार के अनुसार निर्धारित करने की मांग की है क्योंकि समान दर से छोटे उद्योगों पर असर पड़ेगा।

शोभित शर्मा, साहिबाबाद। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के पास औद्योगिक क्षेत्र जाने के बाद उद्योगों पर मेंटेनेंस चार्ज का बोझ बढ़ गया है। साहिबाबाद के करीब 1,636 उद्योगों पर दो गुना से ज्यादा बढ़े मेंटेनेंस चार्ज का बोझ पड़ेगा।
इससे पहले नगर निगम के अधीन होने पर भूखंड के आकार के हिसाब से उद्यमी संपत्तिकर दे रहे थे। उद्यमियों का आरोप है कि अन्य जिलों के मुकाबले अधिक मेंटेनेंस शुल्क गाजियाबाद में यूपीसीडा ने लगाया है।
नगर निगम ने एक अप्रैल से यूपीसीडा को औद्योगिक क्षेत्र हस्तांतरित किए थे। औद्योगिक क्षेत्रों में अब यूपीसीडा साफ-सफाई और निर्माण संबंधी कार्य कराएगा। इसके एवज में अप्रैल से गणना कर मेंटेनेंस चार्ज वसूला जाएगा। इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ट्रांस हिंडन साहिबाबाद के पदाधिकारियों का दावा है कि 72 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मेंटेनेंस चार्ज के लिए उद्यमियों पर यूपीसीडा से मैसेज आ रहे हैं।
गाजियाबाद में ही ट्रोनिका सिटी ऐसा औद्योगिक क्षेत्र है, जहां यूपीसीडा 25 रुपये वर्गमीटर के हिसाब से मेंटेनेंस शुल्क ले रहा है। इसके अलावा हापुड़ में लगने वाले मसूरी-गुलावठी रोड औद्योगिक क्षेत्र और सूरजपुर नोएडा में भी इसी दर पर मेंटेनेंस शुल्क की वसूली की जा रही है। गाजियाबाद और साहिबाबाद पर इतना अधिक मेंटनेंस शुल्क लेने से भारी बोझ बढ़ेगा।
सभी भूखंड पर एक ही समान दर गलत
इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ट्रांस हिंडन साहिबाबाद के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि सभी छोटे-बड़े भूखंड और उद्याेगों पर 72 रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से ही मेंटनेंस शुल्क लगाया जा रहा है जबकि नगर निगम को उद्यमी भूखंड आकार के आधार पर संपत्तिकर देते थे।
मेंटनेंस शुल्क बढ़ने के साथ ही उत्पादन पर बोझ बढ़ना तय है। भूखंड के आकार के मुताबिक हीचार्ज निर्धारित होना चाहिए। एक समान दर से छोटे उद्यमियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
25 हजार चुकाने वालों को देने होंगे एक लाख
एसोसिएशन के महासचिव संजीव त्यागी ने बताया कि अभी तक जो उद्यमी 25 हजार तक का संपत्तिकर निगम को दे रहे थे। मेंटेनेंस दर बढ़ने से अब एक लाख रुपये तक उद्यमियों को चुकाने होंगे।
ऐसे में उद्यमियों के लिए काम करना भी मुश्किल हो जाएगा। दूसरे जिलों में जो दर हैं, उनके हिसाब से ही यूपीसीडा मेंटनेंस शुल्क की वसूली करे तो उद्यमियों के लिए सरल होगा। इस संदर्भ में शासन से भी मांग की गई है।
मेंटनेंस चार्ज के संदर्भ में उद्यमी संगठनों से वार्ता चल रही है। मुख्यालय को भी इसकी जानकारी दी गई है। नगर निगम के संपत्तिकर के मुताबिक ही मेंटेनेंस चार्ज की दर निर्धारित की गई है। मुख्यालय से मिले निर्देशों का पालन कराया जाएगा।
- प्रदीप सत्यार्थी, क्षेत्रीय प्रबंधक, यूपीसीडा
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