गाजियाबाद में इलाज को अस्पताल पहुंचे मरीज को सुरक्षाकर्मी ने मारा तमाचा, खूब हुआ हंगामा
गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में उमस भरी गर्मी के चलते मरीजों की संख्या 4000 के पार पहुंच गई। पर्ची काउंटर से लेकर दवा काउंटर तक धक्का-मुक्की मची। एक मरीज के साथ सुरक्षाकर्मी द्वारा मारपीट का मामला भी सामने आया जिससे अस्पताल में हंगामा हो गया। चिकित्सकों ने लोगों को गर्मी से बचाव के लिए सलाह दी है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में सोमवार को तीन हजार मरीज पहुंचे। फिजिशियन की ओपीडी कक्ष संख्या-34 में मामा का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे भांजे को सुरक्षाकर्मी ने तमाचा मार दिया। गाली गलौच भी की। इस पर खूब हंगामा हुआ।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। बाद में मरीज चिकित्सक को बिना दिखाये ही बाहर निकल गया। कुछ देर बाद स्वास्थ्यकर्मियों के समझाने पर चिकित्सक को दिखाया। विजयनगर के रहने वाले शालू ने बताया कि उनके मामा दीपू की तबीयत खराब है।
पर्ची बनवाने के बाद मां मधु के साथ मामा को लेकर ओपीडी कक्ष संख्या 34 में पहुंचे। यहां पर कतार में खड़े मरीजों को छोडकर सुरक्षाकर्मी अन्य मरीजों को भेज रहे थे। इसका विरोध करने पर सुरक्षाकर्मी ने शालू को तमाचा मार दिया। मरीजों ने हंगामा कर दिया।
इस प्रकरण को लेकर सीएमएस डा. राकेश कुमार सिंह का कहना है कि प्रकरण की जांच कराने के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर कक्ष संख्या 34 में सुबह से ही सुरक्षाकर्मी गायब थे। उमस भरी गर्मी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
खासकर बच्चों की हालत खराब हो रही है। उल्टी-दस्त और बुखार होने पर ओपीडी में अधिकांश बच्चे पहुंच रहे हैं। तीन दिन के अवकाश के बाद सोमवार को दोनों अस्पतालों की ओपीडी में अन्य दिनों से अधिक मरीज पहुंचे। पर्ची काउंटर से लेकर दवा काउंटर पर मरीजों के बीच धक्का मुक्की होती रही। परिसर में जाम लग गया।
एंबुलेंस भी जाम में फंस गईं। अतिरिक्त स्टाफ लगाकर मरीज दिखवाये गये और दवाएं बंटवाई गईं। बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में 613 बीमार बच्चे पहुंचे। इनमें से 37 बच्चों को भर्ती किया गया है। ओपीडी में कुल 4130 मरीज पहुंचे।
इनमें 2060 महिला,1459 पुरुष, और 430 बुजुर्ग पहुंचे। बुखार के 454 मरीजों में 127 बच्चे शामिल रहे। फिजिशियन डॉ. आलोक रंजन की सलाह है कि पेट दर्द और बुखार होने पर चिकित्सक को जरूर दिखाएं। बाहर का खाना कतई न खायें। पेय पदार्थों का सेवन अधिक करें। धूप में निकलने से बचें।
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