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    जालसाजों से नहीं बच सका दारोगा, 60 हजार का मैसेज भेज अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराए इतने रुपये; ये है मामला

    By Jagran NewsEdited By: Pooja Tripathi
    Updated: Fri, 18 Aug 2023 10:35 AM (IST)

    यूपी 112 के आपरेशन मिररिंग सेंटर में तैनात रेडियो उप निरीक्षक रविंद्र सिंह ने थाना कविनगर में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 19 जून को उन्हें अनजान नंबर से कॉल आया। ठग ने कहा कि उसे एक खाते में 60 हजार रुपये भेजने हैं लेकिन उसके खाते से पैसे नहीं जा रहे हैं। इसलिए वह रविंद्र सिंह के खाते में 60 हजार रुपये भेज रहा है।

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    दारोगा के साथ साइबर ठगी, 50 हजार का चूना।

    गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। जालसाजों ने दारोगा के बैंक खाते से 50 हजार रुपये निकाल लिए। 60 हजार रुपये उनके खाते में क्रेडिट होने के फर्जी मैसेज भेजकर रकम अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। हैरानी की बात है कि दारोगा से हुई ठगी की रिपोर्ट दर्ज होने में भी दो माह का वक्त लग गया।

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    यूपी 112 के आपरेशन मिररिंग सेंटर में तैनात रेडियो उप निरीक्षक रविंद्र सिंह ने थाना कविनगर में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 19 जून को उन्हें अनजान नंबर से कॉल आया।

    दारोगा के बेटे ने उठाया था फोन

    बेटे राहुल ने फोन उठाया तो काल करने वाले ने खुद को मनोज‌ कुमार बताया। उसने पूछा कि रविंद्र सिंह के बेटे बोल रहे हो तो राहुल को लगा कि कोई करीबी बोल रहा है।

    ठग ने ऐसे फंसाया बातों के जाल में

    ठग ने कहा कि उसे एक खाते में 60 हजार रुपये भेजने हैं, लेकिन उसके खाते से पैसे नहीं जा रहे हैं। इसलिए वह रविंद्र सिंह के खाते में 60 हजार रुपये भेज रहा है। इस रकम को उसने दूसरे खाते में भेजने को कहा। इसके बाद रविंद्र सिंह के फोन पर दो मैसेज आए इनमें उनके खाते में 35 और 25 हजार क्रेडिट होने की सूचना थी।

    इस पर यकीन कर राहुल ने रविंद्र सिंह के खाते से ठग के बताए गए बैंक खाते में 50 हजार ट्रांसफर कर दिए। बाकी 10 हजार रुपये भी राहुल भेजने वाला था, लेकिन तभी पता चला कि रविंद्र सिंह के खाते में कोई भी रकम ट्रांसफर नहीं हुई है।

    लगातार बढ़ रही लापरवाही

    साइबर अपराध के मामलों में कमिश्नरेट पुलिस की लापरवाही से अपराधियों का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया है कि वे पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाने लगे हैं। दारोगा रविंद्र सिंह ठगी में भी जांच के नाम पर दो माह तक यह केस साइबर सेल में लंबित रहा।

    पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें दो माह से लेकर दो साल बाद तक रिपोर्ट दर्ज हुई। एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि साइबर सेल से मिली रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। खाते और मोबाइल नंबर को ट्रेस कर अपराधी का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।