लोहा-इस्पात से फार्मा तक गाजियाबाद के उत्पादों को अमेरिकी टैरिफ से झटका, 25 हजार करोड़ का निर्यात दांव पर
गाजियाबाद के लोहा-इस्पात फार्मा जैसे उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ लगने से 25 हजार करोड़ का निर्यात खतरे में है। निर्यातक भविष्य को लेकर चिंतित हैं क्योंकि तैयार माल के खरीदार बढ़े हुए दाम पर लेने को तैयार नहीं हैं। एमएसएमई और कपड़ा उद्योग सबसे अधिक प्रभावित होंगे जिससे बेरोजगारी का खतरा बढ़ सकता है।
शाहनवाज अली, गाजियाबाद। अमेरिका की ओर से लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ से उद्योग नगरी गाजियाबाद के निर्यातकों के समक्ष निर्यात का संकट खड़ा हो गया है। यहां निजी व सरकारी करीब 25 औद्योगिक क्षेत्रों में 27 हजार से अधिक मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां संचालित हैं। इनमें से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से दो हजार से अधिक इकाइयां इंजीनियरिंग गुड्स के अलावा लोहा-इस्पात, टैक्सटाइल और फार्मा उत्पादों का निर्यात कर रही हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में गाजियाबाद से अमेरिका को 25 हजार करोड़ से अधिक के उत्पादों का निर्यात हुआ, लेकिन अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ के चलते अब जिले के निर्यातकों को झटका लगा है और तैयार, पैक और अधबना माल जाने के लिए तैयार है, लेकिन खरीदारों ने बढ़े दाम पर उत्पाद लेने से इन्कार कर दिया है।
यूपी से कितना होता है अमेरिका को निर्यात?
निर्यात इकाई के उद्यमी संजीव सचदेवा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुल निर्यात का 19 प्रतिशत अमेरिका को होता है, जिसमें खासतौर से इंजीनियरिंग गुड्स, टैक्सटाइल, मशीनरी उत्पाद, आर्गेनिक-इन आर्गेनिक कैमिकल, कालीन, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, लेदर आदि शामिल हैं।
अमेरिका के भारतीय निर्यातकों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने से एमएसएमई उद्योग सबसे अधिक प्रभावित होंगे, जो इंजीनियरिंग गुड्स के 40 प्रतिशत निर्यात में योगदान देते हैं। इससे इकाइयों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों की नौकरी पर भी संकट आ सकता है।
एमको एक्सपोर्ट टैक्सटाइल के एमडी एवं निर्यातक मानव सिंघल ने बताया कि देश से कपड़ा और परिधान उद्योग अमेरिका सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। अमेरिकी टैरिफ भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ा आर्थिक बोझ बन गया।
तत्काल सरकारी वित्तीय सहायता पैकेज के बिना कपड़ा क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ सकती है। टैरिफ बढ़ने से निर्यातकों को दूसरे बड़े बाजार तलाशने होंगे। मगर सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अमेरिका में उत्पादों की अच्छी कीमत मिलती है, जो अन्य देशों में नहीं मिलेगी। सवाल है कि नए बाजार भी कितनी तेजी से इस नुकसान की भरपाई कर पाते हैं।
निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पाद
इंजीनियरिंग गुड्स, मशीनरी, फार्मास्युटिकल उत्पाद, बायलर मशीनरी, बेस मेटल्स, चीनी मशीनरी, कपड़ा और टेक्सटाइल, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, आर्गेनिक कैमिकल, पेपरबोर्ड, रोड व्हीकल पार्ट्स, ग्लासवेयर, प्लास्टिक, रबर, कापर, बेवरेज, सेरामिक्र, एल्यूमिनियम, बेस मेटल्स एल्यूमीनियम, गारमेंट आदि उत्पादों का अमेरिका को निर्यात किया जाता है।
निर्यातकों के लिए नए खरीदार तलाशना नहीं आसान
दुनिया के दूसरे देशों में खरीदार तलाशना निर्यातकों के लिए आसान नहीं होगा। जिले में 78 ऐसे निर्यातक हैं, जिनके अधिकांश उत्पाद सिर्फ अमेरिका को ही भेजे जा रहे हैं।
अमेरिका की ओर से अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने के निर्णय के बाद निर्यातकों को सरकार की ओर से ही उम्मीद है। नए टैरिफ से आए संकट से निर्यातकों को उबारने के लिए अब सरकारी सब्सिडी के साथ ही नई नीति की दरकार है।
निर्यात के इन देशों में खुल सकते हैं द्वार
अमेरिका के अलावा गाजियाबाद के निर्यातक उद्यमी अरब अमीरात, फ्रांस, अफ्रीका महादीप, मीडिल ईस्ट, कनाडा, तुर्की, इजराइल, सिंगापुर, मेक्सिको और यूनाइटेड किंगडम आदि दुनिया के देशों में निर्यात करते हैं।
अमेरिका टैरिफ से आए संकट में निर्यातक उद्यमी इन देशों में निर्यात कर रहे निर्यातकों के साथ बैठक कर रहे हैं। ताकि उनका तैयार और पैक्ड माल इन देशों में निर्यात हो सके। इससे आर्थिक नुकसान से बचने के साथ ही इकाइयां भी संचालित हो सकें।
अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा अब और बढ़ जाएगी। ऐसे में निर्यातकों को यूरोप, अफ्रीका, मीडिल ईस्ट और एशियाई देशों में नए खरीदार तलाशने होंगे। इसके लिए खरीदार देख तलाशना भी इतना आसान नहीं है।
दिनेश गर्ग, निर्यातक उद्यमी
दूसरे देशों में खरीदार ढूंढना आसान नहीं है। हालांकि केंद्र और प्रदेश सरकार निर्यातकों को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। अगर सरकार नए बाजारों तक पहुंचने के लिए रास्ता आसान बनाती है तो उद्यमी भी नए देशों में निर्यात बढ़ा सकेंगे। - नीरज सिंघल, निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष आइआइए
जिले से अमेरिका के लिए निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पाद
- उत्पाद - धनराशि करोड़ रुपये में
- लोहा-इस्पात और इस्पात उत्पाद - 4,797
- फार्मास्युटिकल उत्पाद
-- 3,326 - बायलर, मशीनरी एंव मैकेनिकल - 2,463
- बेस मेटल्स, सेरमेट्स,
-- 2,191 - चीनी मशीनरी के उत्पाद
-- 1,860 - टैक्सटाइल - 1,469
- पेपर बोर्ड आदि के उत्पाद
-- 1,077 - परफ्यूम, तेल, कास्मेटिक उत्पाद - 1,041
- अपेरल एवं क्लाथ एसेसरीज - 757
- ग्लास एवं ग्लासवेयर - 292
नोट : जिले की 78 उत्पादों के लिए करीब दो हजार इकाइयों से वर्ष 2024-25 में 25,608 करोड़ रुपये का अमेरिका को निर्यात किया गया।
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