डॉग शेल्टर होम लिए तलाशी जा रही जमीन, सड़क पर नहीं दिखेंगे पागल कुत्ते
गाजियाबाद नगर निगम डॉग शेल्टर योजना शुरू करने की तैयारी में है जिसके लिए मेवाला गिरी में भूमि चिन्हित की गई है। निगम वर्तमान में दो एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी) चलाता है और तीसरा निर्माणाधीन है। डॉग शेल्टर में रेबीज से ग्रस्त और बार-बार काटने वाले कुत्तों को रखा जाएगा। पिछले साल गाजियाबाद में आवारा कुत्तों ने 50252 लोगों को काटा है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। नगर निगम ने अपनी डॉग शेल्टर योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी है। निगम इस परियोजना के लिए ज़मीन तलाश रहा है। मेवाला गिरी में ज़मीन चिन्हित कर ली गई है, लेकिन अभी तक यह ज़मीन चिन्हित नहीं हुई है। शेल्टर के निर्माण को लेकर निर्माण विभाग से भी बातचीत हो चुकी है।
नगर निगम कुत्तों के टीकाकरण और नसबंदी के लिए दो एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी) संचालित करता है। तीसरे सेंटर का निर्माण कार्य चल रहा है। अगर कोई कुत्ता काटता है, तो टीकाकरण के बाद निगम उसे छोड़ देता है।
इसी तरह, नसबंदी के बाद कुत्ते को वापस वहीं छोड़ दिया जाता है जहाँ से उसे लाया गया था। फ़िलहाल, निगम के पास कुत्तों को रखने के लिए कोई डॉग शेल्टर नहीं है। शेल्टर में पागल कुत्तों, रेबीज़ से ग्रस्त कुत्तों या बार-बार काटने वाले कुत्तों को रखा जाएगा।
निगम शेल्टर के लिए एक योजना तैयार कर रहा है। पहले ज़मीन चिन्हित की जाएगी, उसके बाद एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। शेल्टर बनने के बाद, बार-बार काटने वाले आवारा कुत्तों को वहां रखा जाएगा।
शहर में एबीसी सेंटरों की स्थिति
- पहला एबीसी सेंटर गौशाला गेट के पास संचालित है।
- दूसरा एबीसी सेंटर नए बस स्टैंड के पास चालू है।
- तीसरा एबीसी सेंटर सिद्धार्थ विहार में 2.5 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।
- पिछले एक साल में शहर में आवारा कुत्तों ने 50,252 लोगों को काटा है।
डॉग शेल्टर के लिए ज़मीन की तलाश की जा रही है। कई जगहों पर ज़मीन का सर्वेक्षण हो चुका है। निर्माण विभाग से भी बातचीत हो चुकी है।
- डॉ. अनुज, उप मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी।
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