कर्ज मुक्त हुआ GDA, चुकाया 1500 करोड़ का लोन; अब तेजी से होगा गाजियाबाद का विकास
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में खुद को ऋण मुक्त कर लिया है। प्राधिकरण ने एनसीआर प्लानिंग बोर्ड और इंडियन बैंक से लिए गए कर्ज को चुका दिया है। अब जीडीए ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 3000 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा है जिसमें से 1800 करोड़ रुपये को पूंजीगत व्यय में निवेश किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वयं को ऋण मुक्त कर लिया है। वित्तीय स्थिति में सुधार कर अन्य विभागों व बैंक के कर्ज खत्म कर दिए हैं। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि वर्षों से 1,500 करोड़ के कर्ज से दबा प्राधिकरण अब कर्जमुक्त है।
वर्ष 2016 से 2020 के बीच एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से एलिवेटेड रोड निर्माण को 700 करोड़ व वर्ष 2018-19 के दौरान इंडियन बैंक से मधुबन बापूधाम योजना को 800 करोड़ कर्ज लिया गया था। इससे जीडीए को अपनी आय का बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में खर्च करना पड़ता था।
जीडीए ने की 1,600 करोड़ की आय
वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 में जीडीए ने 1,294 करोड़ के तय लक्ष्य के सापेक्ष करीब 1,600 करोड़ की आय की है। सभी दायित्वों को समाप्त कर 165 करोड़ के शेष भुगतान की सुरक्षा को 300 करोड़ रुपये की एफडीआर भी जमा की है।
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हरनंदीपुरम योजना के लिए मिले 400 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री शहरी विस्तार योजना के तहत हरनंदीपुरम योजना को 400 करोड़ रुपये प्राधिकरण को मिले। मास्टर प्लान व मानचित्र अनुभाग से 450 करोड़ की आय हुई, जो पिछले वर्ष के सापेक्ष 40 प्रतिशत अधिक है। संपत्तियों की बिक्री से 350 करोड़ मिले। ये पिछले वर्ष के सापेक्ष 40 प्रतिशत से अधिक है।
शमन शुल्क से करीब 390 करोड़ की आय जीडीए को हुई। अब जीडीए ने हरनंदीपुरम योजना के तहत भू क्रय की प्रक्रिया शुरू की है। हाल ही में डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति ने भूमि खरीद की दर तय की है, जो संबंधित सर्किल रेट से चार गुना अधिक होगी।
3,000 करोड़ के बजट का है प्रस्ताव
आगामी वित्तीय वर्ष में जीडीए ने 3,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा है। इसमें से 1,800 करोड़ पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) में निवेश होगा। शहर का बुनियादी ढांचा को सुदृढ़िकरण को विभिन्न प्रमुख योजनाएं शुरू हो रही हैं। राजनगर एक्सटेंशन में 60 करोड़ की लागत से चार प्रमुख सड़कें निर्माणाधीन हैं।
मधुबन बापूधाम में रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) निर्माण कार्य प्रगति पर है। इंदिरापुरम में 15 करोड़ से संस्कृत दर्शन पार्क व ग्रीन वुड पार्क का निर्माण प्रस्तावित है।
कोयल एन्क्लेव योजना के तहत रामायण आधारित थीम पार्क का भी प्रस्ताव है। जीडीए अधिकारियों ने बताया कि बंधा रोड को नूरनगर को जोड़ने वाली 18 मीटर व 24 मीटर रोड के लिए भी किसानों ने सहमति दे दी है।

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