Ghaziabad Blast: तेज आवाज से रुकी सांसें, सामने छाया अंधेरा, फिर भी नहीं रुके दमकलकर्मी
गाजियाबाद में एक ट्रक में भीषण आग लगने से सिलेंडर ब्लास्ट हो गया। आग इतनी भयावह थी कि आसपास के इलाकों में भी दहशत फैल गई। जलते ट्रक से सौ मीटर दूर ही अग्निशमन की गाड़ियां रुक गईं। दमकल कर्मियों ने जान पर खेलकर आग पर काबू पाया। इस दौरान कई दमकलकर्मी घायल भी हो गए। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

प्रभात पांडेय, साहिबाबाद। आग लगने की सूचना तड़के 4.35 बजे साहिबाबाद फायर स्टेशन पर मिली। साहिबाबाद, वैशाली कोतवाली और लोनी से करीब 10 गाड़ियां मौके पर रवाना की गईं। मौके पर स्थिति बहुत ही भयावाह थी। ट्रक में भीषण आग लगी थी।
तेज धमाके के साथ सिलेंडर फट रहे थे। जो करीब आधा किमी से अधिक दूर जाकर गिर रहे थे। जलते ट्रक से सौ मीटर दूर ही अग्निशमन की गाड़ियां रुक गईं। फटे हुए सिलेंडर के टुकड़े सड़कों पर फैले थे। जो घायल करने के लिए काफी थे। अग्निशमन कर्मियों का हौसला बढ़ाया और सबसे आगे एक फायर टेंडर में बैठकर ट्रक के करीब 50 मीटर सामने पहुंच गए।

अग्निशमन कर्मियों जान पर खेलकर पाया काबू
जमीन बैठकर डिवाइडर के सहारे पानी की बौछार कर आग बुझाने का काम शुरू किया गया। तीन यूनिट में तैनात 11 अग्निशमन कर्मियों जान पर खेलकर आग बुझाना शुरू किया। यह कहना था कि मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल का।
(2).jpg)
राहुल पाल ने बताया कि मौके पर पहुंचे ही धमाके के साथ जहां सिलेंडर गिर रहे थे। वहीं आग लग रही थी। ट्रक के साथ लकड़ी के गोदाम, पेट्रोल पंप के पास टायर की दुकान और दूसरी तरफ कारों में आग थी। स्थिति को देखते हुए ज्यादा इंतजार नहीं किया जा सकता था। आग लगातार बढ़ रही थी। आग के पास छिपने का बस डिवाइडर ही एक मात्र रास्ता था।
(1).jpg)
जबरदस्त धमाके से सिलेंडर के हुए टुकड़े
डिवाइडर के पास बैठकर आग बुझाने के दौरान ही जलता हुआ गैस सिलेंडर आकर गिरा। जो तेज धमाके साथ फट गया। धमाका इतना जबरदस्त था कि कर्मियों के हाथ से हौजरी छूट गई। आंखों के सामने मानों अंधेरा छा गया, लेकिन फिरभी वह और अग्निशमन कर्मी पीछे नहीं हटे हौजरी उठाकर आग बुझाने में जुट गए।
कई डिवाइडर और अग्निशमन की गाड़ी की आड में होने के चलते कई सिलेंडर के टुकड़े आकर पास में गिरते रहे। करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया गया। तभी लीड फायरमैन राजेश कुमार चालक अशोक कुमार की छत पर चढ़कर लकड़ी के गोदाम में लगी आग बुझाने लगे।
तभी वह छत से गिरकर घायल हो गए। उनके साथ में आग बुझाने में एफएसएसओ गगन कुमार,गंभीर सिंह, प्रह्लाद सिंह, सौरभ राणा, अमित कुमार, अरुण कुमार, आयुष्मान, अखिल, गौरव तोमर और लोकेश ने फंट पर खड़े होकर आग पर काबू पाया। करीब 40 अग्निशमन कर्मी मौके पर आए थे।
जीपीएस की लोकेशन से खुलेगा आग लगने का रहस्य
ट्रक में आग कैसे लगी यह रहस्य बना हुआ है। चालक के स्वजन का कहना था कि ट्रक घर के बाहर खड़ा था। तभी आग लगी। जबकि मौके पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों में चर्चा रही कि रात में पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मी ने बताया था कि ट्रक चल रहा था।
(1).jpg)
पीछे सिलेंडर में आग जलती दिखी। तब चालक को बताया गया। इसको देखते हुए ट्रक में लगे जीपीएस की लोकेशन का विवरण निकलवाया जा रहा है। घटना स्थल व पेट्रोल पंप आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी निकलवाई जा रही है। जिससे पता चल सके की आग कैसे लगी।
ऐसे लग सकती है आग
अग्निशमन कर्मियों को कहना है कि ट्रक में चलते और खड़े रहने पर आग लगने की दो स्थिति हो सकती हैं। खड़े ट्रक के ऊपर से बिजली की लाइनें जा रही थीं। किसी गैस सिलेंडर में लीकेज हो रही होगी।
तारों से निकली चिंगारी गिरी होगी और सिलेंडर में आग लग गई होगी। वहीं, चलत ट्रक में भरे सिलेंडर में घर्षण होने और लीकेज हो रहे सिलेंडर में आग पकड़ना भी वजह हो सकी है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।