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    गाजियाबाद में इस साल बढ़े सर्पदंश के मामले, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में खुलासा

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 09:08 AM (IST)

    गाजियाबाद में सर्पदंश के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग की जागरूकता अभियान में लापरवाही सामने आई है। एंटी स्नेक वेनम (एएसवी) की खपत बढ़ गई है और जिला अस्पताल में सर्पदंश के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। मुरादनगर में झाड़फूंक के चक्कर में एक किशोर की जान चली गई। चिकित्सकों ने सांप काटने पर उचित प्राथमिक उपचार और एंटी-वेनम के प्रयोग का सुझाव दिया है।

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    भारत में हर साल करीब 50 हजार से अधिक लोगों की सांप के काटने से मौत होती है।

    मदन पांचाल, गाजियाबाद। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल करीब 50 हजार से अधिक लोगों की सांप के काटने से मौत होती है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक सांप के काटने से मौत और विकलांगता को 50 प्रतिशत कम किया जाये।

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    इसी को लेकर हाल ही में 19 सितंबर से 28 सितंबर तक जागरूकता अभियान चलाया गया,  लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस अभियान को गंभीरता से नहीं लिया। दिशा-निर्देश जारी करने के बाद अफसर गोष्ठी करना तक भूल गये।

    परिणामस्वरूप सर्पदंश के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। जिले में अलग-अलग प्रजातियों के सांप जगह-जगह घूम रहे हैं। मौसम में बदलाव के चलते गांव से लेकर शहर की पाश कॉलोनियों में भी सांप काटने के केस बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में पता चला है कि पिछले तीन साल में सबसे अधिक सर्पदंश के केस चालू वित्त वर्ष में आन रिकॉर्ड दर्ज हुए हैं।

    यह स्थिति तब है जबकि वन विभाग की टीम लगातार सूचना के बाद सांपों को पकड़कर रेस्क्यू कर रही हैं। वन विभाग ने अप्रैल से सितंबर तक कुल 305 सांप रेस्क्यू किये हैं। सर्पदंश के केस बढ़ने के चलते एंटी स्नेक वेनम(एएसवी) की खपत बढ़ रही है।

    रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023-24 में जहां केवल 280 वायल की खपत हुई थी वहीं पर सितंबर तक 896 वायल की खपत हो चुकी है। इस संबंध में सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने शासन को पत्र भेजकर एएसवी की अतिरिक्त वायल भेजने का अनुरोध किया है। जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में सितंबर माह में सबसे अधिक 26 मरीज सर्पदंश के पहुंचे हैं। पांच को हायर सेंटर रेफर किया गया।

    तीन साल में एंटी स्नेक वेनम की खपत का विवरण

       वित्त वर्ष       खपत हुई कुल वायल्स

    • 2023-24      280
    • 2024-25     1065
    • 2025-26      896

    झाड़फूंक के चक्कर में गई किशोर की मौत

    मुरादनगर की कॉलोनी राधेश्याम विहार के रहने वाले किशोर रूद्र शर्मा को सर्पदंश के बाद स्वजन इधर-उधर झाड़फूंक करवाने के लिए घूमते रहे। छह घंटे बाद किशोर को लेकर संयुक्त अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे। चिकित्सकों ने फिर भी एंटी स्नेक वेनम की कई डोज लगाई लेकिन किशोर के पूरे शरीर में जहर फैलने से कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। बाद में चिकित्सकों ने किशोर को मृत घोषित कर दिया।

    जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे सर्पदंश के केस

        वर्ष     सर्पदंश के मरीज

    • 2024                55
    • 2025               53

    वन विभाग द्वारा अप्रैल से सितंबर तक रेस्क्यू किये गये सांप

    प्रजाति नगरीय रेंज मोदीनगर रेंज

    कोबरा   22  77

    रसलवाइपर  6   45

    अजगर   9   15

    घोड़ापछाड़   53   25

    धामन    8    0

    पटरागोह   18   7

    चंदनगोह   14   5

    सांप के काटने पर यदि काटे गए हिस्से का रंग बदल जाए, सूजन आ जाए या दर्द हो तो घाव को साफ पानी और साबुन से साफ करें। सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को किसी प्रकार की शारीरिक क्रिया न करने दें ।उसकी घबराहट दूर करें क्योंकि जितनी घबराहट होंगी, उतनी तेजी से जहर फैलता जायेगा।सर्पदंश वाले स्थान पर बर्फ या ठंडी पट्टी न लगाएं । सर्पदंश वाले स्थान पर चाकू या रेजर से न काटें। मुंह से जहर चूसने की कोशिश न करें।सबसे अच्छा इलाज क्वालिटी एंटी-वेनम देना है, जो जहर का असर कम कर सकता है और जान बचा सकता है। यह इलाज सुरक्षित होता है और इसका असर व्यापक होता है। सूजन को कम करने के लिए काटने वाली जगह के पास से अंगूठियां, कंगन या तंग कपड़े उतार दें।जब किसी मरीज़ को एंटीवेनम इंजेक्शन लगाया जाता है, तो एंटीबाडी के टुकड़ों पर मौजूद बंधन स्थल रक्त संचार में मौजूद विष या विष घटकों से जुड़ जाते हैं और मरीज़ में विष की क्रियाशीलता को निष्क्रिय कर देते हैं।

    - डॉ. आलोक रंजन, फिजिशियन, जिला एमएमजी अस्पताल

    अप्रैल से सितंबर तक नगरीय रेंज में 130 और मोदीनगर रेंज में अलग-अलग प्रजातियों के 175 सांप रेस्क्यू किये गये हैं। लोगों को सर्पदंश को लेकर जागरूक भी किया जा रहा है। किसानों को खेतों में ग्ल्वस,जूते, मोजे और टार्च लेकर खेती करने की सलाह दी जा रही है।

    -डा. सलोनी मलिक, उपखंड़ अधिकारी सामाजिक वानिकी प्रभाग गाजियाबाद