गाजियाबाद की ADM ऋतु सुहास की मनोकामना पूरी, नोएडा के डीएम के साथ करेंगी विशेष पूजा
ऋतु सुहास ने कहा कि मनोकामना पूरी होने की खुशी में घर पर ही परिवार के साथ विशेष पूजा करेंगी। उनका कहना है कि ईश्वर ने न केवल उनकी मनोकामना पूरी की बल्कि ऐसी खुशी दी है जिससे पूरा परिवार खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
गाजियाबाद/ नोएडा [अभिषेक सिंह/आशीष धामा]। टोक्यो पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर भारत लौटे गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई के स्वागत के लिए सोमवार को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नोएडा तक जगह-जगह लोग खड़े रहे। एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास इस खास मौके पर पति का स्वागत करने के लिए कलक्ट्रेट में बैठक के बाद खुद एयरपोर्ट गईं।
उन्होंने बताया कि पैरालिंपिक में खेलना सुहास का सपना था। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने देश का नाम रोशन किया है। मनोकामना पूरी होने की खुशी में घर पर ही परिवार के साथ विशेष पूजा करेंगी। उनका कहना है कि ईश्वर ने न केवल उनकी मनोकामना पूरी की, बल्कि ऐसी खुशी दी है जिससे पूरा परिवार खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
परिवार के लोग, रिश्तेदार, शुभचिंतकों के साथ ही देशवासी बहुत खुश हैं। न केवल नोएडा, बल्कि गाजियाबाद के प्रशासनिक अधिकारियों के बीच भी खुशी का माहौल है। एडीएम ने कार्यालय में मिठाई बांटकर अधिकारियों के साथ पति की जीत की खुशियां साझा कीं।
उधर, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष देवब्रत चौधरी सहित अन्य पदाधिकारियों ने एडीएम प्रशासन के माध्यम से एक बधाई पत्र भी जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर को भेजा है। देवब्रत चौधरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का सम्मान बढ़ाया है।
देशवासियों को कहा शुक्रिया
वहीं, नोएडा के डीएम सुहास एलवाई ने कहा कि जो प्यार, सम्मान और आशीर्वाद देशवासियों ने दिया है, मैं जिंदगीभर इसका शुक्रगुजार रहूंगा। हर इंसान का सपना होता है कि वह अपने देश का नाम दुनिया में रोशन करे।
आइपीएस बन देश के लिए मेडल जीतना चाहती है बेटी
पिता की जीत से खुश सुहास एलवाई की बेटी सान्वी का कहना है कि पिता की जीत से बहुत उत्साहित हूं, बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत दिन बाद पापा को देखा है। आज ऐसा लग ही नहीं रहा है कि घर है, ऐसा लग रहा है कि कोई ग्रांड जगह है। आज घर वाली फीलिंग नहीं आ रही है। पापा का मैच देखा था, काफी रोमांचित करने वाला था। पापा आइएएस हैं, मैं आइपीएस बनकर देश की सेवा करना चाहतीं हूं और देश के लिए मेडल जीतना चाहती हूं।