Ghaziabad: संपत्तिकर में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी, निकाय चुनाव से पहले नगर निगम ने करदाताओं के जेब पर बढ़ाया भार
नगर निकाय के चुनाव की तारीख की घोषणा हो चुकी है। चुनाव से पहले नगर निगम ने संपत्तिकर में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी कर दी है जिससे 6.61 लाख संपत्ति करदा ...और पढ़ें

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। नगर निकाय के चुनाव की तारीख की घोषणा हो चुकी है। चुनाव से पहले नगर निगम ने संपत्तिकर में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी कर दी है, जिससे 6.61 लाख संपत्ति करदाताओं की जेब पर भार बढ़ा है।
इस साल यह संपत्ति कर और अधिक बढ़ सकता है। डीएम सर्किल रेट के आधार पर भी टैक्स का निर्धारण होने की संभावना है, क्योंकि नगर आयुक्त ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्तिकर बढ़ाने के संबंध में शासन को पत्र भेजा गया है, यदि अनुमति मिल गई तो इस साल नए सिरे से संपत्तिकर निर्धारित किया जाएगा। ऐसे में शहर के
दरअसल, वित्तीय वर्ष 2023-24 के संपत्तिकर को बढ़ाने को लेकर दो बिंदुओं पर चर्चा महापौर और पार्षदों का कार्यकाल खत्म होने के पहले से चल रही थी, आखिरी बोर्ड बैठक में पार्षदों ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर नहीं बढ़ना चाहिए।
उनका कहना था कि जो पहले से ही सदन ने तय किया है उसी आधार पर पांच प्रतिशत प्रतिवर्ष के आधार पर हर दो साल में 10 प्रतिशत संपत्तिकर बढ़ाना जाना चाहिए। नगर निगम के अधिकारियों ने इस संबंध में शासन को पत्र भेजकर अवगत कराया है, शासन स्तर से डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्तिकर बढ़ाने को लेकर भेजे गए पत्र का जवाब अब तक नहीं आया है।
ऐसे में सवाल यह था कि नगर निगम ने संपत्तिकर में जो 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, उसके बाद यदि शासन स्तर से डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्तिकर बढ़ाने को लेकर लंबित आदेश जारी होता है तो क्या होगा? इस पर नगर आयुक्त डा. नितिन गौड़ ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया है कि यदि शासन से आदेश मिला तो नए सिरे से संपत्तिकर का निर्धारण किया जाएगा। ऐसा होने पर संपत्तिकर में 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है।
207 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डा. संजीव सिन्हा ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4.51 लाख संपत्ति करदाताओं से 207 करोड़ रुपये से अधिक संपत्तिकर की वसूली हुई है, यह पहली बार है जब संपत्तिकर की वसूली 200 करोड़ रुपये से अधिक की हुई है।
इसकी वजह नई संपत्तियों को संपत्तिकर के दायरे में लाया जाना और बकाया संपत्तिकर की वसूली में तेजी लाना है, जिसमें पुलिस का सहयोग भी नगर निगम को मिला है। अब जीआइएस सर्व के बाद संपत्ति करदाताओं की संख्या बढ़कर 6.61 लाख हो गई है। जिनसे वित्तीय वर्ष 2023-24 में संपत्तिकर की वसूली होगी।

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