गाजियाबाद की लैंडक्राफ्ट सोसायटी की लिफ्ट में 35 मिनट तक फंसे रहे पांच लोग, होने लगी थी घबराहट
मनोज का दावा है कि सोसायटी में लगी सभी लिफ्ट ऑटोमैटिक एवं अत्याधुनिक हैं। नियमित जांच होती रहती है लेकिन लिफ्ट में 35 मिनट तक फंसे रहे लोगों की जान सा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। एनएच-9 स्थित लैंडक्राफ्ट सोसायटी के 4 सी टावर की लिफ्ट संख्या-24 दोपहर बाद अचानक रूक गई। लिफ्ट में सवार पांच लोग फंस गए। आनन-फानन में लोगों को बाहर निकालने के लिए बीच में लिफ्ट को खोला गया, लेकिन प्लोर पर न होने के चलते लोगों को बाहर नहीं निकाला जा सका।
पांचों लोग लिफ्ट में 35 मिनट तक फंसे रहे। सूचना के तुरंत बाद सोसायटी के मेंटीनेंस मैनेजर मनोज कुमार मौके पर पहुंचे। उनका दावा है कि पांच मिनट के भीतर लिफ्ट को खुलवाकर सभी को सुरक्षित बाहर निकलवाया।
"ऑटोमैटिक व अत्याधुनिक है लिफ्ट"
मनोज का दावा है कि सोसायटी में लगी सभी लिफ्ट ऑटोमैटिक एवं अत्याधुनिक हैं। नियमित जांच होती रहती है, लेकिन लिफ्ट में 35 मिनट तक फंसे रहे लोगों की जान सांसत में आ गई। दो लोग तो घबरा गए।
लिफ्ट में फंसे विकास गंगल ने बताया कि लिफ्ट के रुकते ही घबराहट होने लगी। विकास को 10 वीं मंजिल पर जाना था। कई लोगों को फोन मिलाकर घटना की सूचना दी और उन्हे सहायता के लिए मौके पर बुलाया गया।
इस टावर में कुल 500 लोग रहते हैं। लोगों का आरोप है कि अपार्टमेंट आनर्स एसोसिएशन की ओर से इस संबंध में कोई त्वरित सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई। उधर एओए अध्यक्ष सुरेश भटनागर से संपर्क करने को फोन मिलाया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
शाम के छह बजे लिफ्ट में सवार हुआ। तीन महिला और एक अन्य पुरूष भी सवार थे। अचानक झटका लगा और तीसरी व चौथी मंजिल के बीच में लिफ्ट फंस गई। घबराहट होने लगी। अलार्म बजाया तो गार्ड तुरंत पहुंच गया लेकिन प्रयास के बाद लिफ्ट नहीं खुली। इसके बाद मेंटीनेंस मैनेजर टीम के साथ पहुंचे। वह भी कुछ देर तक सोचते रहे। तकनीकी तरीके से लिफ्ट को 35 मिनट बाद चालू करके खोला गया। इस बीच छठी मंजिल पर जाने वाली एक बुजुर्ग महिला की घबराहट के चलते तबीयत खराब हो गई।
- विकास गंगल, फ्लैट संख्या-1020, 10 वां तल

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