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    अनूठा विवाह: सात फेरे और ये 10 संकल्प... बैलगाड़ी से होगी दुल्हन की विदाई; चर्चा में शादी का कार्ड

    Updated: Wed, 26 Feb 2025 10:52 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक अनूठे विवाह की तैयारी चल रही है। समाज में जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश करने के लिए सुरविंदर किसान अपनी शादी को सामाजिक महोत्सव के रूप में मनाने जा रहे हैं। बताया गया कि दूल्हा और दुल्हन सात फेरे साथ 10 संकल्प भी लेंगे। इतना ही नहीं दुल्हन की विदाई कार से नहीं बल्कि बैलगाड़ी से होगी।

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    सुरविंदर किसान अपनी शादी को एक सामाजिक महोत्सव के रूप में मनाने जा रहे हैं। जागरण फोटो

    शाहनवाज अली, गाजियाबाद। समाज में जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश करते हुए गाजियाबाद के रईसपुर गांव के सुरविंदर किसान अपनी शादी को एक सामाजिक महोत्सव के रूप में मनाने जा रहे हैं। यह विवाह केवल पारंपरिक रीति-रिवाजों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें सात फेरे के अलावा 10 संकल्प भी लिए जाएंगे, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी।

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    28 वर्षीय सुरविंदर ने भारत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गोहाना (सोनीपत) से सिविल में बीटेक किया है। एक वर्ष तक नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में काम किया, लेकिन मन सेवा करने का था तो गांव में ही बस गए। खेती को बढ़ावा, ग्राम और समाज उत्थान के लिए कार्य में रुचि लेकर रईसपुर गांव में शहीद भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित की।

    ईको-फ्रेंडली विवाह

    सुरविंदर किसान और उनकी मंगेतर प्रिया चौधरी ने इस शादी को दहेज-मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। वर पक्ष ने वधू पक्ष से किसी भी प्रकार का दान-दहेज लेने से इनकार किया और 11 हजार पौधे उपहार में लेने की मांग की है। इस निर्णय से समाज में एक नए सोच को बढ़ावा मिलेगा, जहां दिखावे और अनावश्यक खर्चों से बचते हुए पर्यावरण की रक्षा की जाएगी।

    बैलगाड़ी से होगी विदाई

    गाजियाबाद में दो मार्च को आधुनिक सामाजिक महोत्सव नाम से होने वाले वैवाहिक समारोह में एक और नई पहल देखने को मिलेगी। अनूठी बात यह भी होगी कि दुल्हन की विदाई परंपरागत तरीके से बैलगाड़ी से होगी। आधुनिक वाहनों के बजाय बैलगाड़ी के उपयोग से जहां परंपरा को जीवंत किया जाएगा। वहीं, लग्जरी कार से वधू की विदाई और दहेज में गाड़ियों की मांग करने वाले लोभियों पर भी यह पहल समाज को सकारात्मक संदेश देगी।

    (रईसपुर गांव निवासी सुरविंदर किसान। जागरण फोटो) 

    समाज में जागरूकता और सकारात्मकता

    सुरविंदर किसान बचपन से ही पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। वह अपनी कमाई का एक हिस्सा समाजसेवा में लगाते हैं और पौधारोपण के साथ ही चौक-चौराहे पर खड़े होकर पौधे बांटकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हैं। इस पहल का लोगों में सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। दूसरे लोगों में भी पौधारोपण को लेकर जागरूकता आई है।

    नई सोच, नई पहल 

    जब दुनिया प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं से जूझ रही है। तब यह ईको-फ्रेंडली विवाह समाज को न केवल एक नई दिशा दिखाएगा, बल्कि सामाजिक बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। सुरविंदर और प्रिया की यह शादी निश्चित रूप से आदर्श विवाह का उदाहरण बनेगी और आने वाले समय में अन्य लोगों को भी इस तरह के वैवाहिक आयोजन के लिए प्रेरित करेगी।

    (चर्चा में है शादी का कार्ड। जागरण फोटो)

    निमंत्रण पत्र पर वर-वधू ने छपवाये 10 संकल्प

    • गो-सेवा भंडारा:  गोमाता की सेवा के लिए भंडारे का आयोजन करना। 
    • सिलाई स्कूल का उद्घाटन: महिलाओं के लिए सिलाई कौशल सिखाने वाले स्कूल की स्थापना करना।
    • स्लम स्कूल का उद्घाटन : झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था करना।
    • वृद्धों के लिए भारत दर्शन तीर्थ यात्रा : बुजुर्गों को भारत के पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्रा कराना।
    • रक्तदान शिविर : रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए शिविर का आयोजन करना।
    • सर्वधर्म आशीर्वाद समारोह: सभी धर्मों के लोगों को एक साथ लाकर आशीर्वाद समारोह आयोजित करना।
    • जीरो वेस्ट वैवाहिक कार्यक्रम : शादी में कचरे को कम से कम करना और पर्यावरण को संरक्षित करना।
    • गांव गोद योजना : एक गांव को गोद लेकर वहां विकास कार्य करना।
    • नशा छोड़ो जागृति अभियान: नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाना।
    • वर-वधू द्वारा 51 ई-लाइब्रेरी खोलने का संकल्प : 51 ई-लाइब्रेरी स्थापित करके शिक्षा को बढ़ावा देना।