Fake Embassy: एक लाख रुपये में इन देशों की नागरिकता दिला रहा था हर्षवर्धन जैन, फर्जी राजदूत के खुले कई राज?
गाजियाबाद में अवैध दूतावास चलाने और हवाला कारोबार करने का आरोपित हर्षवर्धन स्वयंभू देशों की नागरिकता दिलाने के नाम पर लोगों से एक लाख रुपये तक की ठगी करता था। पुलिस और एसटीएफ ने उसके घर से कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं और मामले की जांच कर रही है। वह लोगों को वीआईपी ट्रीटमेंट का झांसा देता था।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। हवाला कारोबार और स्वयंभू देशों के अवैध दूतावास खोलने के आरोपित कविनगर निवासी हर्षवर्धन जैन को पुलिस और एसटीएफ टीम उसके आवास पर लेकर पहुंची। किराए पर ली इस कोठी में ही आरोपित ने स्वयंभू देशों का दूतावास बनाया हुआ था। करीब साढ़े चार घंटे में पुलिस और एसटीएफ की टीम ने मकान से कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं।
वीआईपी ट्रीटमेंट दिलाने का देता था झांसा
आरोपित स्वयंभू देशों (माइक्रोनेशन) की सदस्यता को नागरिकता बताकर एक लाख रुपये तक शुल्क लेता था। लोगों को झांसे में लेने के लिए बताता था कि नागरिकता मिलने के बाद जब उस देश में घूमने जाएंगे तो वहां वीआईपी ट्रीटमेंट मिलेगा। आरोपित से जांच एजेंसी ने पुलिस कस्टडी रिमांड के लगातार दूसरे दिन भी पूछताछ की है।
बुधवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे आरोपित हर्षवर्धन जैन को लेकर पुलिस और एसटीएफ की टीम उसके कविनगर स्थित आवास पर लेकर पहुंची। मीडियाकर्मियों को देख आरोपित को गाड़ी से सीधे मकान के अंदर लेकर पहुंचे।
मकान में करीब साढ़े घंटे तक टीम आरोपित के साथ रही। इस दौरान कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं। मकान से विभिन्न दूतावासों के कई कागज बरामद हुए हैं। हालांकि पुलिस का कहना कि यह कागज असली हैं या अवैध हैं इसकी जांच कराई जानी है।
ब्रिटिश दूतावास के भी कई कागज बरामद हुए हैं। इनकी भी जांच कराई जानी है। आरोपित के यहां से करीब 25 तरह के लैटर पैड बरामद हुए हैं। इनमें कई स्वयंभू देशों के हैं।
जांच और पूछताछ में सामने आया है कि हर्षवर्धन जैन लोगों को आफर लेटर भेजकर बताता था कि वह स्वयंभू देश की सदस्यता एवं नागरिकता दिला सकता है। जिससे वहां घूमने जाने पर वीआइपी ट्रीटमेंट मिल सके। इसके लिए वह एक लाख रुपये शुल्क लेता था।
गुजरात कनेक्शन के संबंध में भी होगी पूछताछ
एसटीएफ आरोपित को दिल्ली और गुजरात भी लेकर जाएगी। आरोपित के रशिक लाल, नितिन हैन, अभिषेक डालमिया, आलोक दुलिया तथा दीपक भण्डारी नामक सहयोगियों के नाम जांच में सामने आए हैं। इन लोगों के संबंध में भी हर्षवर्धन जैन से पूछताछ चल रही है।
बड़ा सवाल, औसतन हर साल विदेश में क्यों खोली कंपनी
एसटीएफ की टीम आरोपित से यह जानने का प्रयास कर रही है कि बीते करीब 25 वर्षों में विदेश में 25 कंपनियां खोलीं। औसतन हर वर्ष एक कंपनी खोलने की जरूरत, उसके लिए आवश्यक धन, कंपनी का काराेबार और पार्टनर की व्यवस्था वह कैसे करता था।
आरोपित को पुलिस टीम अपने साथ उसके कविनगर स्थित आवास लेकर गई थी। कुछ दस्तावेज मिले हैं जिनकी जांच कराई जाएगी। आरोपित से पूछताछ भी जारी है। - धवल जायसवाल, डीसीपी सिटी
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