आवारा कुत्तों के आतंक से कैसे बचें? लोगों ने इन उपायों पर दिया जोर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोसायटियों में फीडिंग प्वाइंट बनाने की दिशा में नगर निगम को तेजी से काम करना होगा। ट्रांस हिंडन क्षेत्र में कुत्तों के काटने की घटनाओं को देखते हुए लोगों ने फीडिंग प्वाइंट को खतरनाक कुत्तों से बचाने की मांग की है। निवासियों ने कुत्तों के आतंक को कम करने के लिए निवारक उपायों और शेल्टर होम की आवश्यकता पर जोर दिया है।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम को सोसायटियों में फीडिंग प्वाइंट बनाने की दिशा में तेजी से काम करना होगा। इस बीच लोगों की मांग है कि फीडिंग प्वाइंट बनाए भी जाएं तो खतरनाक कुत्तों से बचाने के लिए भी काम किया जाए।
ट्रांस हिंडन क्षेत्र की सोसायटियों में कुत्तों के काटने और हमले की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं। ज्यादातर घटनाओं में महिलाएं और बच्चे कुत्तों का शिकार बने हैं।
तीन दिन पहले इंदिरापुरम में दूध लेने गई एक युवती के पैर में कुत्ते ने काट लिया था। इससे दो दिन पहले इंदिरापुरम की ही एक अन्य सोसायटी में घरेलू सहायिका को कुत्ते ने काटकर घायल कर दिया था। ऐसे एक दो नहीं बल्कि कई मामले हैं, जिनमें महिलाएं या बच्चे कुत्तों का शिकार बने हैं।
साहिबाबाद के अलावा गाजियाबाद राजनगर एक्सटेंशन की कुछ सोसायटियों में भी महिलाओं पर कुत्तों के हमले के मामले सामने आए हैं। ऐसे में शिकायतों के बाद फीडिंग प्वाइंट के साथ-साथ इन पालतू कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने की भी मांग उठ रही है। नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुज ने बताया कि फीडिंग प्वाइंट और शेल्टर होम को लेकर जल्द ही बैठक कर फैसला लिया जाएगा।
पिटबुल भी रहा है आतंक
करीब दो साल पहले, गाजियाबाद में पिटबुल के हमले और काटने के लगातार मामले सामने आए थे। वर्ष 2022 में, ट्रांस हिंडन क्षेत्र में, वैशाली के रामप्रस्थ ग्रीन्स में एक पिटबुल ने एक लड़की पर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया था। गाजियाबाद में भी ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें पिटबुल ने बच्चों को बुरी तरह काटा। इसके बाद नगर निगम ने गाजियाबाद में पिटबुल, रोटवीलर और डोगो अर्जेंटिनो को रखने पर प्रतिबंध लगा दिया।
कुत्तों का आतंक बहुत ज़्यादा है। हमारे इलाके में 30 से 40 कुत्ते हैं, जिनके कारण लोगों का वहाँ से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में शेल्टर होम बनाए जाने चाहिए।
-विकास बैसोया, डिफेंस कॉलोनी
ऐसी जगह पर फीडिंग पॉइंट बनाए जाने चाहिए जहाँ कुत्ते समाज से दूर रहें। उनकी देखभाल के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा भी ज़रूरी है।
-स्मृति राय, दिल्ली 99 सोसाइटी
कुत्तों के हमलों में महिलाएँ और बच्चे बुरी तरह घायल हो जाते हैं। इन पर हमले के मामले ज़्यादा होते हैं। शिकायत मिलने पर ऐसे कुत्तों को आश्रय गृहों में रखा जाना चाहिए।
- वीना चितकारा, रामप्रस्थ
कुत्तों के हमलों से बचने के लिए निवारक उपायों पर और ज़्यादा काम करना ज़रूरी है। नगर निगम को वार्ड स्तर पर इनकी निगरानी की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए।
- विशाल अरोड़ा, रामप्रस्थ
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