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    गाजियाबाद में मीटिंग हॉल बना मंडप, अस्पताल में कराई गई डेंगू पीड़ित मरीज की शादी

    दोनों पक्षों की सहमति अस्पताल प्रबंधन की अनुमति पर मीटिंग हॉल को विवाह हॉल में बदल दिया गया। हॉल फूल और गुब्बारों से सजाया गया। सोमवार को दोनों ने एक दूसरे के गले में वर माला पहनाकर शादी कर ली। इस शादी में वर-वधु पक्ष से 12 लोग शामिल हुए। अस्पताल के डॉक्टर और अन्य स्टाफ भी इस शादी के गवाह बने।

    By Hasin ShahjamaEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Thu, 30 Nov 2023 08:21 AM (IST)
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    मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शादी के बाद दूल्हा व दुल्हन l सौ:अस्पताल

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में डेंगू से पीड़ित युवक की शादी कराई गई। मीटिंग हॉल को शादी से पहले सजाया गया। दूल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे के गले में वरमाला डाली। वर-वधू के स्वजन ने शुभ मुहूर्त के दिन शादी कराने की अस्पताल प्रबंधन से पेशकश की थी।

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    पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार के अविनाश निजी कंपनी में सेल्स अधिकारी हैं। उनका रिश्ता पलवल की अनुराधा से तय था। अनुराधा पलवल के एक अस्पताल में नर्स हैं। शुभ मुहूर्त निकालकर सोमवार को शादी का दिन तय हुआ था। शादी से चार दिन पहले अविनाश को बुखार आ गया। दवा लेने के बाद भी बुखार नहीं उतरा।

    10 हजार तक गिर गईं प्लेटलेट्स

    जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। प्लेटलेट्स 10 हजार तक गिर गईं। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल की उच्च निर्भरता इकाई में रखा गया था। वधू पक्ष में भी शादी की तैयारी जारी। पलवल में बैंक्वेट हॉल बुक था। डॉक्टरों ने शादी वाले दिन अविनाश को छुट्टी देने से मना कर दिया।

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    अविनाश के पिता राजेश कुमार शादी टालना चाहते थे। अनुराधा और उसके स्वजन मैक्स अस्पताल में अविनाश को देखने पहुंचे। उन्होंने अविनाश के पिता से अस्पताल में शादी करने की बात कही।

    शादी में कुल 12 लोग हुए शामिल

    दोनों पक्षों की सहमति अस्पताल प्रबंधन की अनुमति पर मीटिंग हॉल को विवाह हॉल में बदल दिया गया। हॉल फूल और गुब्बारों से सजाया गया। सोमवार को दोनों ने एक दूसरे के गले में वर माला पहनाकर शादी कर ली। इस शादी में वर-वधु पक्ष से 12 लोग शामिल हुए। अस्पताल के डॉक्टर और अन्य स्टाफ भी इस शादी के गवाह बने।

    हम न सिर्फ चिकित्सा देखभाल देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि अपने मरीजों को भावनात्मक मदद भी करते हैं। मुश्किल घड़ी में हम उनके साथ खड़े रहते हैं। ये सेवा हमारे समर्पण और कल्याण भाव की गवाह है। अविनाश का अस्पताल में अभी इलाज चल रहा है।

    - डॉक्टर रुचि राणावत, चिकित्सा अधीक्षक, मैक्स अस्पताल