Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साइबर अपराधियों से रहें सतर्क, गाजियाबाद में कपल को डिजिटल अरेस्ट कर 9.55 लाख रुपये ठगे

    Updated: Sun, 18 May 2025 01:57 PM (IST)

    गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में एक दंपती को साइबर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर डिजिटल अरेस्ट किया और 9.55 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने 61 मिलियन डॉलर की मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप लगाया और बैंक खातों की जांच के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

    Hero Image
    गाजियाबाद साइबर क्राइम पुलिस थाना। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन निवासी दंपती को करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपित बता साइबर अपराधियों ने 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा और 9.55 लाख रुपये ठग लिए। आरोपितों ने महिला ने के पति के शेयर बेचकर धनराशि ट्रांसफर करने का भी दबाव बनाया। शक होने पर दंपती ने रुपये ट्रांसफर नहीं किए और पुलिस से मामले की शिकायत कर दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीड़िता की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। राजनगर एक्सटेंशन निवासी पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उनके पति निजी कंपनी में काम करते हैं और वह गृहणी हैं।

    कॉल कर खुद को बताया पुलिस अधिकारी

    13 मई की सुबह उनके पास एक व्यक्ति ने फोन कर स्वयं को दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताया और उनकी मोबाइल सेवा बंद करने की धमकी दी। उन्होंने जब वजह पूछी तो उन्हें बताया गया कि मुंबई के कोलाबा में उनके खिलाफ केस दर्ज है। इसके बाद उनकी कॉल मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर करना बताते हुए मोहित हांडा नामक सर्विलांस अधिकारी से बात कराई गई।

    सर्विलांस अधिकारी ने उनकी काल एक आइपीएस अधिकारी समाधार पंवार को ट्रांसफर कर दी। इसके बाद समाधार पंवार ने उन्हें धमकाते हुए बताया कि उनके आधार नंबर से मुंबई में केनरा बैंक में खाता खोला गया है जिसमें 61 मिलियन डालर मनी लॉन्ड्रिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का केस बनता है। इसके बाद उनके खाते की जांच के लिए उन्हें डिजिटल अरेस्ट बताया गया।

    14 मई को ट्रासंफर करा लिए 9.55 लाख रुपये

    गिरफ्तारी का भय दिखाकर महिला के पति के खाते से धनराशि महिला के खाते में ट्रांसफर कराकर साइबर ठगों ने बताए गए बैंक खाते में 14 मई को 9.55 लाख रुपये ट्रासंफर करा लिए। ठगों ने महिला के पति के नाम के शेयरों को अपने खाते में जमा करने का भी दबाव बनाया।

    पीड़िता ने बताया कि इस घटना से वे और उनके पति भयभीत और तनावग्रस्त हैं। उन्होंने पुलिस से राशि वापस दिलाने और अपराधियों को सजा दिलाने की गुहार लगाते हुए शनिवार को साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है। महिला को भय है कि वह अभी भी डिजिटल अरेस्ट हैं जबकि पुलिस ने उन्हें बताया है कि डिजिटल अरेस्ट कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं है। उनके साथ साइबर अपराधियों ने ठगी की है।

    साइबर अपराधियों से रहें सतर्क

    • कोई भी वैध अधिकारी फोन या वीडियो कॉल के जरिए गिरफ्तारी नहीं करता। अनजान कॉल्स पर व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी न दें
    • ठग तुरंत कार्रवाई के लिए दबाव बनाते हैं। शांत रहें, काल रिकार्ड करें और तुरंत स्वजन या विश्वसनीय व्यक्ति से सलाह लें
    • अगर कोई सरकारी अधिकारी होने का दावा करता है, तो उनके दावे की पुष्टि संबंधित विभाग से करें-
    • डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित रखें, संदिग्ध काल, मैसेज, ईमेल या दस्तावेजों के स्क्रीनशाट पुलिस के लिए सहेजकर रखें

    यहां करें शिकायत

    साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज कराने के बाद संबंधित पुलिस थाने में शिकायत दें।

    पीड़िता की शिकायत पर केस दर्ज कर पुलिस टीम जांच कर रही है। जिन मोबाइल नंबरों से बात हुई है उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। जिस खाते में धनराशि ट्रांसफर हुई है उसे फ्रीज कराया जा रहा है।

    - पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी क्राइम