'भैया... पढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन पैसे नहीं है'; गाजियाबाद में चौराहों पर भीख मांग रहे बच्चे
गाजियाबाद के चौराहों पर बच्चों का भीख मांगना भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान पर सवाल उठा रहा है। दैनिक जागरण की पड़ताल में चौधरी मोड़ पर बच्चे भीख मांगते मिले जबकि हापुड़ चुंगी पर अभियान के कारण नहीं थे। बच्चे शैम्पू वाले पानी से गाड़ियां साफ करके पैसे मांगते हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे अभियान चलाकर बच्चों को शिक्षा दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। भैया, हम गांव में रहकर पढ़ते थे। माता - पिता हमें शहर लेकर आ गए। वह मजदूरी करते हैं, इतने रुपये नहीं है कि पढ़ सकें, इसलिए भीख मांगते हैं। यह बातें चौधरी मोड़ चौराहे पर भीख मांगते नजर आए बच्चों ने कही। उनकी यह बातें जिले में चलाए जा रहे भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान पर सवाल उठा रही है।
दैनिक जागरण की टीम ने रविवार को शहर में हापुड़ चुंगी और चौधरी मोड़ चौराहे पर जाकर पड़ताल की तो हापुड़ चुंगी चौराहे पर भीख मांगते हुए बच्चे नजर नहीं आए, इसकी वजह थी कि एक दिन पहले ही यहां पर अभियान चलाकर दो बच्चों को पकड़ा गया।
चौधरी मोड़ चौराहे पर एक बच्ची, दो बच्चे भीख मांगते हुए नजर आए। उनके हाथ में शैम्पू मिला पानी की बोतल और वाइपर था। जब भी चौराहे पर रेड लाइट होने पर कारें आकर रुकतीं तो ये बच्चे कार चालक के पास भीख मांगने के लिए पहुंचे जाते।
इनमें से जब कार चालक भीख देने से मना करता तो वह कार के शीशे पर शैम्पू मिला पानी डालकर उसे साफ करने लगता, इसका विरोध कार चालक द्वारा किया जाता लेकिन वह नही मानते। ऐसे में कुछ कार चालक उनको पांच से दस रुपये देते तो कुछ बिना पैसे दिए आगे बढ़ते, बच्चे भीख मांगने के लिए कुछ दूर तक तक कार के साथ साथ ही चलते नजर आए।
ऐसे में सवाल है कि जिस वक्त बच्चों के हाथ में कापी और किताब होनी चाहिए, उस वक्त वह अपने हाथ भीख मांगने के लिए लोगों के सामने फैला रहे हैं। बच्चों ने यह भी कहा कि वह यह कार्य अपनी मर्जी से कर रहे हैं, लेकिन उनके चेहरे के भाव यह स्पष्ट कर रहे थे कि यह उनकी मर्जी नहीं मजबूरी है, यदि बच्चों के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होतीं तो शायद वह चौराहों पर भीख मांगते हुए नजर नहीं आते।
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल का कहना है कि बच्चों को भीख मांगने से रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, जिन चौराहों पर अभी भी बच्चे भीख मांग रहे हैं, वहां पर भी अभियान चलाकर बच्चों को भीख मांगने से रोका जाएगा। बच्चों को शिक्षा मिल सके, इसके लिए उनका सरकारी स्कूलों में प्रवेश भी दिलाया जाएगा।
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