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    गाजियाबाद में 9 वर्षीय बच्चे ने लिफ्ट का गेट जबरदस्ती खोला, दो फ्लोर के बीच 8 मिनट तक फंसा; Lift में मारता रहा हाथ

    Updated: Wed, 28 May 2025 08:53 AM (IST)

    गाजियाबाद के कौशांबी में मीडिया मैजेस्टिक सोसायटी में एक 9 वर्षीय बच्चा लिफ्ट में फंस गया। बच्चे ने लिफ्ट का गेट जबरदस्ती खोलने की कोशिश की जिससे वह दो फ्लोर के बीच अटक गई। सुरक्षाकर्मियों ने बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला। एओए ने अभिभावकों से बच्चों को अकेले लिफ्ट में न भेजने की अपील की है।

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    कौशांबी स्थित मीडिया मैजेस्टिक सोसायटी की लिफ्ट में फसने के बाद रोता बच्चा। वीडियो ग्रैब

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। कौशांबी की मीडिया मैजेस्टिक सोसायटी में नौ वर्षीय बच्चे ने लिफ्ट में प्रवेश करने के कुछ देर बाद ही उसका गेट जबरदस्ती खोल दिया। इससे लिफ्ट दो फ्लोर के बीच में फंस गई। करीब आठ मिनट तक बच्चा लिफ्ट में फंसा रहा।

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    इस दौरान बच्चा रोता-चिल्लाता रहा और बाहर निकलने की जद्दोहद करता रहा। सुरक्षा कर्मियों की नजर कंट्रोल रूप में लगे सीसीटीवी कैमरों पर पड़ी तो बच्चा लिफ्ट में फंसा दिखाई दिया। इसके बाद बच्चे को बाहर निकाला गया। अभिभावकों की लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता था।

    लिफ्ट में फंसने के दौरान रोता-चिल्लाता रहा बच्चा

    मीडिया मैजेस्टिक सोसायटी में कुल दो टावर हैं। टावर-ए की चौथी मंजिल के फ्लैट नंबर 143 में संजय किराए पर रहते हैं। उनके भाई का करीब नौ वर्षीय बेटा उनके घर आया हुआ है। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, सोमवार सुबह करीब 9:15 बजे वह चौथी मंजिल से नीचे जाने के लिए लिफ्ट में प्रवेश करता है।

    हालांकि इस दौरान भी खुलने का समय पूरा होने पर लिफ्ट का गेट बंद होने वाला होता है तो वह पीछे हट जाता है। इसके बाद सेंसर से लिफ्ट का गेट खुल जाता है। महज 10 सेकेंड बाद ही वह लिफ्ट के गेट को खोलने की कोशिश करना शुरू कर देता है और अगले पांच सेकेंड में लिफ्ट के गेट के आंतरिक हिस्से को खोल देता है।

    एओए ने अभिभावकों से की ये अपील

    इससे लिफ्ट झटका मारकर तीसरे व दूसरे फ्लोर के बीच ही अटक जाती है। इसके बाद लिफ्ट का गेट फिर से लग जाता है। इस दौरान बच्चा दो बार और लिफ्ट के गेट को खोलने की कोशिश करता है, लेकिन गेट हर बार बंद हो जाता है। बच्चा सीसीटीवी फुटेज की ओर भी बाहर निकालने के लिए कहता दिख रहा है।

    साथ ही बच्चा बटन दबाकर भी लिफ्ट का गेट खोलने की कोशिश करता है। नौ बजकर 23 मिनट, 30 सेकेंड पर बच्चे को बाहर निकाला गया। एओए ने अभिभावक से शिकायत की। साथ ही बच्चों व बुजुर्गों को अकेले न भेजने की एडवाइजरी जारी कर दी है।

    सात मिनट तक रोता रहा बच्चा, लिफ्ट में मारता रहा हाथ

    जब बच्चे को बाहर निकलने की कोई उम्मीद नहीं आई तो वह रोता हुआ लिफ्ट के अलग-अलग हिस्सों में हाथ मारता रहा, जिससे उसे कोई बाहर निकाल सके। इस दौरान बच्चा शोर मचाता भी दिख रहा है। आठ मिनट तक फंसा बच्चा करीब सात मिनट तक रोता रहा।

    सीसीटीवी नहीं होता तो हो सकता था हादसा 

    एओए पदाधिकारियों का कहना है कि सोसायटी में करीब 26 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया है। जिनकी लगातार निगरानी होती है। सुरक्षा गार्ड ने बच्चे को देख लिया था, लेकिन उसे यह समझ नहीं आया कि बच्चा फंसा हुआ है। जब उसे शक हुआ तो वह दौड़कर गया और गेट को बाहर से खोला। वहीं, लोगों का कहना है कि अगर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होते तो बड़ा हादसा हो सकता था।

    इससे पहले भी फंस चुका है बच्चे का भाई

    जो बच्चा लिफ्ट में फंसा एक सप्ताह पहले उसका भाई भी फंस गया था। एओए पदाधिकारियों का कहना है कि उसने भी इसी तरह से लिफ्ट के गेट को जबरन खोला था, जिससे लिफ्ट फंस गई थी। उस दौरान भी बच्चे के अभिभावकों से शिकायत की गई थी। इसके बाद भी बच्चों का ध्यान नहीं रखा।

    अभिभावकों ने बच्चे को अकेले ही लिफ्ट से भेज दिया था। जबकि पहले ही एडवाइजरी जारी की जा चुकी थी कि बच्चों व बुजुर्गों को कोई भी अकेले नहीं भेजेगा। फिर से लिफ्ट के बाहर एडवाइजरी चस्पा करा दी गई है। अगर कोई अकेले भेजता है तो अभिभावकों की जिम्मेदारी होगी।

    - डॉ. वीके गोयल, सचिव, एओए, मीडिया मैजेस्टिक सोसायटी

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