Chandra Grahan 2025: चंद्र ग्रहण का सूतक लगने के बाद मंदिरों के कपाट बंद, घरों में करें जाप; इन चीजों का करें दान
गाजियाबाद में चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) के चलते मंदिरों के कपाट दोपहर बाद सूतक लगते ही बंद कर दिए गए। श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर में विशेष रूप से दोपहर 12 बजे ही कपाट बंद कर दिए गए जो सुबह शुद्धिकरण के बाद खुलेंगे। मंदिर के पुजारी और भक्तों ने अखंड जाप किया। घरों में भी महिलाओं ने कीर्तन किया और दान-पुण्य के लिए अनाज अलग रखा गया।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) को लेकर रविवार को दोपहर बाद सूतक लगने के बाद शहर भर के मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। जो रात तक बंद ही रहे। सूतक के दौरान मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं की गई। सभी मंदिरों के पुजारी एवं महंतों ने अखंड जाप किया।
श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर में दोपहर में 12 बजे ही भगवान को भोग एवं आरती के बाद कपाट बंद कर दिए गए। जो चंद्रग्रहण पूरा होने पर शुद्धिकरण के बाद सोमवार को सुबह चार बजे खुलेंगे।
मंदिर के पीठाधीश्वर नारायण गिरि महाराज ने बताया कि चंद्रग्रहण रात्रि नौ बजकर 58 मिनट से शुरू हुआ। जो रात्रि एक बजकर 26 मिनट पर समाप्त पर हो जाएगा। चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले तथा सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लग जाता है।
रविवार को चंद्रग्रहण का सूतक दोपहर 12 बजकर 56 मिनट से शुरू हो गया। सूतक के कारण दोपहर 12 बजे आरती और भोग के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। जो सोमवार आठ सितंबर को सुबह बजे आरती के बाद खुलेंगे। रविवार शाम को कपाट बंद ही रहे।
मंदिर के सभी साधु संत, आचार्य एवं श्री दूधेश्वर वेद विद्या संस्थान के विद्यार्थियों ने रविवार को दोपहर 12 बजे से रात्रि 12 बजे तक अखंड जाप किया। यह जाप लगातार 12 घंटे तक चलता रहा।
चंद्रग्रहण को लेकर घरों में भी किया जाप
चंद्रग्रहण को लेकर मंदिरों के साथ घरों में दोपहर 12 बजे के बाद पूजा अर्चना नहीं की गई। भक्तों ने शाम की आरती एवं पूजा नहीं की। बल्कि घरों में महिलाओं ने कीर्तन एवं अखंड जाप किया। इसके अलावा जो गर्भवती महिलाएं हैं उनको गेरू लगाया गया। खासतौर पर जो गर्भवती महिलाएं हैं उन्होंने बैठकर जाप किया। चंद्रग्रहण के बाद दान पुण्य के लिए अनाज, कपड़े एवं अन्य सामान निकालकर रख दिया गया। जिसे लोग सोमवार के दिन पुण्य करेंगे।
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