बाइक बोट घोटाले के एक आरोपी पर चार्ज फ्रेम को लेकर हुई सुनवाई, हजारों लोगों के साथ हुई थी करोड़ों की धोखाधड़ी
गाजियाबाद में बाइक बोट घोटाले में वासित आजाद पर आरोप तय करने के मामले में सुनवाई हुई अगली तारीख 30 सितंबर है। कोर्ट नजारत घोटाले में नीलेश के बयान दर्ज हुए। मथुरा के जवाहरबाग कांड में भी सुनवाई हुई जहां मुकेश कुमार ने अपने बयान दर्ज कराए। सीबीआई इन मामलों की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। नोएडा के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले के मामले में ईडी द्वारा वासित आजाद पर चार्ज फ्रेम किए जाने के मामले को लेकर सुनवाई की। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख लगाई है। एनसीआर में बाइक बोट के नाम पर संजय भाटी समेत 16 लोगों ने वर्ष 2019 में हजारों लोगों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की थी।
पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत कर केस दर्ज कराए थे। इसके बाद मामले की शिकायत ईडी और सीबीआई से भी की थी। पुलिस मामले की जांच कर रही थी। ईडी ने इस मामले में सपा नेता दिनेश गुर्जर, वासित आजाद, सारिक आजाद, मीना आनंद, नरेंद्र सिसोदिया, अनिल शाह को आरोपित बनाया था। इसके बाद ईडी ने सभी आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। सोमवार को कोर्ट में वासित आजाद पर चार्ज फ्रेम किए जाने को लेकर सनवाई हुई।
कोर्ट नजारत घोटाले में सुनवाई हुई
कोर्ट नजारत में हुए पीएफ घोटाले में सोमवार को सीबीआई कोर्ट में निजी व्यक्ति नीलेश के बयान हुए। कोर्ट ने सुनवाई जारी रखते हुए मंगलवार का दिन तय किया है। कोर्ट नजारत में हुए घोटाले की रिपोर्ट तत्कालीन सीबीआई की विशेष न्यायाधीश रमा जैन ने कविनगर थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर केस सीबीआई को ट्रांसफर हो गया था।
सीबीआई की जांच में पता चला था कि वर्ष 2001 से 2008 के बीच जनपद न्यायालय में कार्यरत तत्कालीन नाजिर आशुतोष अस्थाना ने लोक सेवक के रूप में अपनी हैसियत का आपराधिक दुरुपयोग किया था। मामले में कचहरी और बाहरी लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी।
मथुरा के जवाहरबाग कांड में कोर्ट में सुनवाई हुई
मथुरा के जवाहरबाग कांड मामले में सीबीआई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। अदालत में उपस्थित मुकेश कुमार ने अपने बयान दर्ज कराए। मथुरा के 272 एकड़ में फैले जवाहरबाग में अनाधिकृत तरीके से रामवृक्ष यादव ने कब्जा कर लिया था।
हाईकोर्ट के आदेश पर दो जून 2016 को जवाहरबाग को खाली कराने के लिए पुलिस पहुंची थी। अचानक सैकड़ो की संख्या में लोगों ने पुलिस पर पथराव करते हुए गोलियां चला दीं। इसमें मथुरा के तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी, थाना प्रभारी संतोष यादव समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी।
हाईकोर्ट के आदेश पर जवाहरबाग कांड की जांच सीबीआई को दो मार्च 2017 को सौंपी गई थी। जांच के बाद सीबीआई ने रामवृक्ष यादव, उसके सहयोगी चंदन बोस समेत 90 लोगो के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। तब से इस मामले की सुनवाई सीबीआई कोर्ट में चल रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।