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    गाजियाबाद में ऑडिट रिपोर्ट में आनाकानी, निगम ने 161 सोसायटियों को निगम का नोटिस

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 08:39 PM (IST)

    विद्युत निगम ने गाजियाबाद की 161 सोसायटियों को ऑडिट रिपोर्ट जमा करने के लिए नोटिस भेजा लेकिन किसी ने भी रिपोर्ट नहीं दी। अब निगम आरडब्ल्यूए और बिल्डरों पर जुर्माना लगाने की तैयारी कर रहा है। सोसायटियों पर ज्यादा बिजली बिल वसूलने के आरोप हैं जिसके चलते विद्युत निगम ने उत्तर प्रदेश नियामक आयोग के नियमों का पालन कराने के लिए यह कदम उठाया है।

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    161 सोसायटियों को ऑडिट रिपोर्ट का नोटिस। सांकेतिक तस्वीर

    राहुल कुमार, साहिबाबाद। विद्युत निगम ने जिले के तीनों जोन की 161 सोसायटियों को ऑडिट रिपोर्ट जमा करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। इसके बाद भी एक भी सोसायटियां ऑडिट रिपोर्ट जमा करने को तैयार नहीं हैं।

    विद्युत निगम अब सोसायटी का रखरखाव संभालने वाली जिम्मेदार संस्था आरडब्ल्यूए, एओए और बिल्डर पर जुर्माना लगाने के लिए सूची तैयार कर रहा है और दो सप्ताह में इसे उत्तर प्रदेश नियामक आयोग को भेजने की तैयारी कर रहा है।

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    इस समय इंदिरापुरम, मोहननगर, कौशांबी, वैशाली, वसुंधरा, टीला मोड़, राजनगर एक्सटेंशन, क्रॉसिंग रिपब्लिक, सिद्धार्थ विहार समेत जिले के तमाम इलाकों में करीब 350 से 360 छोटी-बड़ी सोसायटियां हैं। इनमें से सिर्फ 52 सोसायटियां ही मल्टी-पॉइंट कनेक्शन पर हैं।

    बाकी सोसायटियां सिंगल पॉइंट कनेक्शन पर संचालित हो रही हैं। विद्युत निगम के पास इन सोसायटियों को दी जाने वाली बिजली का कोई रिकॉर्ड नहीं है। रखरखाव का काम देखने वाली संस्था ही बिजली का बिल जमा करती है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या लोगों से निर्धारित राशि से अधिक बिजली बिल वसूलना है। इस संबंध में शिकायतें भी लगातार विद्युत निगम के पास आ रही हैं।

    इस पर विद्युत निगम ने उत्तर प्रदेश नियामक आयोग के नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अप्रैल में नोटिस भेजने शुरू किए थे। करीब चार महीने में शहर की आधी सोसायटियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं, जिन्हें सात दिन के भीतर रिपोर्ट देनी थी।

    चेतावनी दी गई थी कि रिपोर्ट न देने वाली सोसायटियों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन न तो सोसायटियों ने ऑडिट रिपोर्ट जमा की और न ही विद्युत निगम ने कोई कार्रवाई की।

    आठ रुपये तक वसूलने के लगते हैं आरोप

    फ्लैट आवंटी अक्सर एओए और बिल्डरों पर ज्यादा बिजली बिल वसूलने का आरोप लगाते हैं। आप 6.30 रुपये प्रति यूनिट के साथ पांच प्रतिशत इलेक्ट्रिक ड्यूटी (ईडी) भी वसूल सकते हैं। साथ ही, 6.65 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बिल वसूला जा सकता है, लेकिन आठ रुपये प्रति यूनिट तक वसूला जा रहा है। वहीं, 115 रुपये प्रति किलोवाट से ज्यादा फिक्स चार्ज भी वसूला जा रहा है।

    नोटिस में दिए गए ये आदेश

    • सात दिन के भीतर रिपोर्ट देनी होगी।
    • उपभोक्ताओं से लिए गए बिलों का विवरण देना होगा।
    • फ्लैट मालिकों को दिए गए बिलों को भी रिपोर्ट में शामिल करना होगा।
    • लगातार चार बार डिफॉल्ट होने पर इसे मल्टी-पॉइंट में बदल दिया जाएगा।
    • रखरखाव शुल्क काटने के लिए अलग मीटर होना चाहिए।
    • जनरेटर सेट का मीटर अलग से लगाया जाना चाहिए।

    जोनवार नोटिस

    ज़ोन नोटिस
    जोन-तीन 90
    जोन-दो 21
    जोन-एक 50

    एओए और बिल्डर पर इस तरह लगेगा जुर्माना

    डिफॉल्टर स्थिति जुर्माना (रुपये)
    पहली बार डिफॉल्टर 5,000
    दूसरी बार डिफॉल्टर 10,000
    तीसरी बार डिफॉल्टर 15,000
    चौथी बार डिफॉल्टर मल्टी-पॉइंट में बदल दिया जाएगा

    अब तक जिले के तीनों ज़ोन में लगभग 161 सोसायटियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। सभी को ऑडिट रिपोर्ट जमा करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था। किसी ने भी रिपोर्ट जमा नहीं की।

    -दीपक अग्रवाल, मुख्य अभियंता, विद्युत निगम जोन-3।