गाजियाबाद में 37 दिन की हड़ताल के बाद आज कचहरी में शुरू हुआ काम; लोक अदालत की तैयारी में जुटे वकील
एक महीने से ज्यादा लंबी चली हड़ताल के बाद आज कचहरी में वकील काम शुरू करेंगे। कचहरी में कई दिन बाद सामान्य दिनों की तरह कामकाज होगा। जेल से भी नियमित पेशी पर कोर्ट से बंदी आएंगे। वकीलों की हड़ताल के बीच बुधवार को जिला जज और न्यायिक अधिकारियों ने 29 अक्टूबर को हुई घटना को लेकर खेद प्रकट किया था।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। कोर्ट रूम में 29 अक्टूबर को जिला जज से कहासुनी के बाद अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया। इसके विरोध में चार नवंबर से कचहरी में चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल 37वें दिन बुधवार को दिन में जारी रही। दोपहर को न्यायिक अधिकारियों और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच बैठक के बाद हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया।
कचहरी के सभी अधिवक्ता बृहस्पतिवार से न्यायिक कार्य पर वापस लाैटेंगे। ऐसे में अब अदालत में लंबित केसों में पहले की तरह सुनवाई हो सकेगी और वादकारियों को मुकदमों में तारीख पर तारीख मिलने के बजाय इंसाफ मिलने की उम्मीद है।
बार एसोसिएशन गाजियाबाद के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि बुधवार काे कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि 29 अक्टूबर को हुई घटना के संबंध में दोपहर तीन बजे जिला जज से वार्ता की जाए।
29 अक्टूबर को हुई घटना पर जताया खेद
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शबनम खान, सह सचिव प्रशासन कमल किशोर, सचिव अमित नेहरा ओर कनिष्ठ उपाध्यक्ष कपिल त्यागी के साथ 22 वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने जिला जज अनिल कुमार दस, एडीजे नीरज गौतम सहित अन्य न्यायिक अधिकारियों के साथ बैठक की।
बार अध्यक्ष ने बताया कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और संतोषजनक रही। जिला जज और न्यायिक अधिकारियों ने 29 अक्टूबर को हुई घटना को लेकर खेद प्रकट किया। बार व बेंच की गरिमा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की गई।
जिस पर विचार कर निर्णय लिया गया कि बार एसोसिएशन के अधिवक्ता चार नवंबर से शुरू आंदोलन को समाप्त कर 12 दिसंबर से न्यायिक कार्य पर वापस लौटेंगे। उन्होंने अपेक्षा की है कि 12 व 13 दिसंबर को किसी भी पत्रावली पर कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाएगा, क्योंकि न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण अधिवक्ताओं को केसों में नियत तिथि की जानकारी नहीं है।
इसलिए हुआ था विवाद
कविनगर थाने में अधिवक्ता जितेंद्र सिंह द्वारा दाे अक्टूबर को कविनगर थाने में केस दर्ज कराया गया था। उनका आरोप है कि उनकी और उनके साथी की 90 लाख रुपये की संपत्ति को फर्जी एग्रीमेंट कर बेच दिया गया है।
इस रिपोर्ट में डासना नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन हाजी आरिफ अली, गुलरेज आलम, रिजवान अली, हसमुद्दीन, मोहम्मद फहीम, नसरुद्दीन, फातिमा परवीन, जफरुद्धीन, खुर्शीदन को नामजद किया गया है। इस मामले में आरोपितों को 28 अक्टूबर तक के लिए अग्रिम जमानत मिल गई थी।
29 अक्टूबर को इस मामले में आरोपितों की जमानत पर कोर्ट में सुनवाई जल्दी करने या दूसरे कोर्ट में केस ट्रांसफर करने की बात शिकायतकर्ता के अधिवक्ता नाहर सिंह यादव द्वारा जिला जज से कहने पर विवाद हो गया। जिला जज चैंबर छोड़कर अंदर चले गए तो अधिवक्ताओं ने हंगामा शुरू किया। अधिवक्ताओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया था। इसके बाद कचहरी में बवाल हुआ, पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की गई।
सीबीआई कोर्ट में चल रहे हैं ये मामले
- नोएडा के यूनियन बैंंक में हुए घोटाले का मामला
- स्वास्थ्य विभाग में एनआरएचएम घोटाले का मामला
- नोएडा विकास प्राधिकरण में टेंडर घोटाले का मामला
- यादव सिंह की आय से अधिक संपत्ति का मामला
- सीबीआई और ईडी कोर्ट में चल रहा बाइक बोट घोटाले का मामला
- मेडिकल कालेज की मान्यता दिलाने के नाम पर रिश्वत मामला
- नोएडा में भूमि घोटाले में रिश्वत लेने के आरोपित इंस्पेक्टर विरेंद्र सिंह राठौर का मामला
- फ्लैट खरीदने और बेचने को लेकर बैंक लोन के घोटाले का मामला
- गाजियाबाद में सीबीआइ, ईडी सहित लगभग 69 अदालतें हैं।
- इन अदालतों में रोजाना लगभग 10 हजार से अधिक मुकदमों में सुनवाई होती है।
- वर्तमान में कोर्ट में लगभग चार लाख से अधिक मुकदमे चल रहे हैं।
- 3.76 लाख से अधिक मुकदमे अपराध से संबंधित हैं, 24 हजार मुकदमे सिविल वाद से संबंधित हैं।
इन पांच मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे अधिवक्ता
- जिला जज का स्थानांतरण किया जाए या उनको निलंबित किया जाए।
- लाठीचार्ज कराने वाले पुलिस अधिकारियों पर केस दर्ज हो, प्रशासनिक कार्रवाई भी हो।
- अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे वापस लिए जाएं।
- लाठीचार्ज में घायल अधिवक्ताओं को सहायता राशि दी जाए।
- एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किया जाए
घटनाक्रम एक नजर में
- 29 अक्टूबर को अधिवक्ताओं पर हुआ लाठीचार्ज
- चार नवंबर से हड़ताल पर हैं अधिवक्ता, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के अधिवक्ताओं ने दिया समर्थन
- पांच नवंबर को यूपी बार काउंसिल की जांच टीम कचहरी पहुंची
- 10 नवंबर को अधिवक्ताओं ने रोजाना दो घंटे कचहरी के बाहर प्रदर्शन करने का ऐलान किया
- 11 नवंबर को हापुड़ रोड पर अधिवक्ताओं ने जाम लगाया
- 12 नवंबर को हापुड़ रोड पर जाम लगाकर जिला जज का पुतला फूंका
- 16 नवंबर को कचहरी में महापंचायत में आठ दिन के लिए हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया गया 88
- 17 नवंबर को अधिवक्ताओं की असहमति के कारण हड़ताल स्थगित करने का निर्णय वापस लिया गया
- 18 नवंबर को कार्यकारिणी की बैठक में अधिवक्ताओं ने प्रदेश में न्यायिक कार्य के बहिष्कार का निर्णय
- 21 नवंबर को अधिवक्ताओं के चैंबर खोलने पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाने का प्रस्ताव पास
- 22 नवंबर को अधिवक्ताओं को चैंबर खोलने की अनुमति
- 25 नवंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के अधिवक्ताओं की वर्चुअल बैठक के बाद 21 दिन हड़ताल स्थगित करने का निर्णय
- 26 नवंबर को हड़ताल स्थगित करने के निर्णय का अधिवक्ताओं के एक गुट ने किया विरोध
- 27 नवंबर को हड़ताल स्थगित करने के निर्णय का विरोध करने वाले गुट ने प्रस्ताव पास कर वरिष्ठ उपाध्यक्ष शबनम खान काे बार एसोसिएशन गाजियाबाद का अध्यक्ष चुना
- 28 अक्टूबर से दोबारा हड़ताल शुरू हुई।
- 11 दिसंबर को हड़ताल समाप्त करने का लिया गया निर्णय
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