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    गाजियाबाद में एक महीने में बने 15 हजार बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड, आपके पास भी है मौका

    आयुष्मान भारत योजना के तहत गाजियाबाद में 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने का अभियान तेजी से चल रहा है। एक महीने में 15037 बुजुर्गों के कार्ड बन चुके हैं। प्रतिदिन 20 से अधिक जगहों पर शिविर लगाकर कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस योजना के तहत कार्ड धारक को 5 लाख तक का मेडिकल बीमा मिलता है।

    By Madan Panchal Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 29 Dec 2024 11:15 AM (IST)
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    गाजियाबाद में बुजर्गों के तेजी से आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार एक महीने में 15037 बुजुगों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं।

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    चयनित 25 हजार बुजुर्गों के कार्ड बनाये जाने हैं। प्रतिदिन 20 से अधिक जगहों पर कार्ड बनाने के लिए शिविर लगाये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद जनपद में 25 नवंबर से कार्ड बनाने का काम शुरू किया गया।

    अस्पताल में कार्ड बनाने के लिए लगे स्पेशल काउंटर

    सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन के अनुसार जिला एमएमजी, संयुक्त अस्पताल के अलावा सीएचसी लोनी, मुरादनगर, मोदीनगर, डासना, पीएचसी भोजपुर और लोनी के 50 बेड के संयुक्त अस्पताल में कार्ड बनाने के लिए विशेष काउंटर बनाये गये हैं।

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    इसके अलावा राजनगर एक्सटेंशन, क्रॉसिंग रिपब्लिक, गोविंदपुरम, राजनगर, कविनगर, गुलमोहर एंक्लेव,पटेलनगर और कविनगर में रोज शिविर लगाकर बुजुर्गों के कार्ड बनाये जा रहे हैं। सबसे अधिक जिला एमएमजी अस्पताल में कार्ड बनवाने को बुजुर्ग पहुंच रहे हैं।

    कार्ड धारक को मिलता है 5 लाख तक का मेडिकल बीमा

    जिले में इस योजना के तहत कुल सात लाख लोगों के सापेक्ष पांच लाख से अधिक लोगों के गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं। इस योजना के तहत कार्ड धारक को पांच लाख तक का मेडिकल बीमा मिलता है।

    जिले में पिछले चार साल में 32 हजार से अधिक कार्ड धारक निश्शुल्क इलाज करवा चुके हैं। जिले के 92 से अधिक सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में कार्ड धारकों का इलाज हो रहा है।

    एक दिन में 1,000 किसानों ने बनवाए

    गोल्डन कार्ड शनिवार को गांवों में आयोजित जागरूकता शिविर में एक हजार किसानों ने गोल्डन कार्ड बनवाए। एडीएम वित्त एवं राजस्व सौरभ भट्ट ने बताया कि जिले में कुल 44 हजार किसान हैं।

    शुक्रवार तक महज पांच हजार किसानों के गोल्डन कार्ड बने थे, शनिवार को यह संख्या बढ़कर छह हजार हो गई है। गोल्डन कार्ड बनवाने के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जब जमीन के संबंध में जानकारी किसानों से मांगी जाएगी तो वे गोल्डन कार्ड का नंबर बताकर जानकारी दे सकेंगे।

    खबर प्रकाशित होने के बाद शुरू किया गया आइसीयू

    दैनिक जागरण में जिले के अस्पतालों में सुविधाओं का टोटा मरीजों की भरमार शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद शासन स्तर से स्थानीय अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए आइसीयू संचालन के निर्देश जारी हुए। शनिवार से जिला एमएमजी अस्पताल में 10 बेड का आइसीयू चालू हो गया।

    वेंटिलेटर की सुविधा भी दी जाएगी। सीएमएस ने बताया कि चिकित्सकों की कमी से आइसीयू संचालन में दिक्कत थी। अब रात्रिकालीन ड्यूटी पर दो चिकित्सकों की तैनाती संग दिन में सभी चिकित्सक आइसीयू में मरीज देखेंगे। जिले के अन्य अस्पतालों में मेडिकल संसाधन बढ़ाने के प्रयास तेज हैं। संयुक्त अस्पताल का ट्रामा सेंटर 24 घंटे चालू होगा। एमआरआइ सेंटर चालू करने के लिए शासन को रिमाइंडर भेजा गया है।