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    मोदीनगर में दिवाली की सजावट पर बंदरों का कहर, व्यापारियों ने निगम से की कार्रवाई की मांग

    Updated: Mon, 20 Oct 2025 01:05 PM (IST)

    मोदीनगर में बंदरों के आतंक ने दिवाली की सजावट को प्रभावित किया है। बंदर घरों और दुकानों में सजावट तोड़ रहे हैं, जिससे निवासी परेशान हैं और सजावट करने से डर रहे हैं। नगर निगम से शिकायत के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला है। व्यापारियों ने भी निगम से कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन ने भविष्य में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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    मोदीनगर में बंदरों के आतंक ने दिवाली की सजावट को प्रभावित किया है।

    जागरण संवाददाता, मोदीनगर। शहर में बंदरों का आतंक दिवाली की सजावट पर भी असर डाल रहा है। बंदरों द्वारा घरों और दुकानों में सजावट को नुकसान पहुँचाने के कई मामले सामने आए हैं। इसके अलावा, बंदरों के आतंक से परेशान कई निवासियों ने झालरें और अन्य सजावट न लगाने का फैसला किया है। निवासियों की शिकायत है कि नगर निगम से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, बंदरों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।

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    धनतेरस से पहले घरों की सफाई के बाद दिवाली की सजावट शुरू हो जाती है। पिछले दो दिनों में, शहर भर के घरों में, मुख्य सड़क से लेकर शहर की अंदरूनी कॉलोनियों तक, झालरें लगाई गई हैं। घूमते बंदरों के एक झुंड ने इस प्रयास को बिगाड़ दिया। सुबह उठने पर, निवासियों ने पाया कि उनकी झालरें टूटी हुई थीं। बंदर उन पर झपट्टा मारकर उन्हें ज़ोर से गिरा रहे थे।

    घंटों की मेहनत और सजावट को इस तरह बर्बाद होते देखना बेहद निराशाजनक था। हालाँकि कुछ लोगों ने अपने घरों को फिर से सजाया है, लेकिन बंदरों द्वारा उन्हें उखाड़ दिए जाने का डर बना हुआ है। लोगों का कहना है कि दिवाली रोशनी का त्योहार है, और लोग अपने घरों को बिजली की सजावट से सजाते हैं।

    बंदरों के उत्पात ने सजावट को चौपट कर दिया है। व्यापारी नेता बॉबी गुप्ता का कहना है कि त्योहार से पहले बंदरों की समस्या को लेकर नगर निगम के अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई, लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। मोदीनगर के देवेंद्रपुरी, महेंद्रपुरी, न्यू कॉलोनी, जगतपुरी और शिवपुरी में भी बंदरों द्वारा घरों की सजावट को नुकसान पहुँचाने की ऐसी ही खबरें सामने आई हैं।

    बंदरों की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। इन्हें पकड़ने के लिए कई बार अभियान चलाया जा चुका है। कई बार दूसरे इलाकों के लोग भी बंदर छोड़ देते हैं। भविष्य में इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी। - अजीत कुमार, एसडीएम, मोदीनगर