15 साल बाद युवक ने पव्वे बेचने का जुर्म कबूला, कोर्ट ने 600 रुपये जुर्माने की सुनाई सजा
गाजियाबाद में 15 साल पहले शराब बेचने के आरोप में एक युवक ने अदालत में अपना गुनाह कबूल कर लिया। लंबे समय से चल रहे इस मामले में, अदालत ने युवक पर 600 रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माने की राशि भरने के बाद उसे रिहा कर दिया गया।
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एक व्यक्ति ने 15 वर्ष बाद स्वेच्छा से शराब के 25 पव्वे बेचने के जुर्म को स्वीकार कर लिया।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। कोतवाली क्षेत्र के एक व्यक्ति ने 15 वर्ष बाद स्वेच्छा से शराब के 25 पव्वे बेचने के जुर्म को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने दोषी को 600 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। कोतवाली पुलिस ने 30 अगस्त 2010 को अब्दुल शरीफ के खिलाफ आबकारी अधिनियम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। आरोपित के पास से शराब के 25 पव्वे बरामद हुए थे।
पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। कोर्ट ने 25 जनवरी 2011 को संज्ञान लेकर सम्मन जारी किया। इसके बाद आरोपित ने अपनी जमानत कराई। 27 अक्टूबर 2025 को अब्दुल शरीफ के अधिवक्ता ने स्वेच्छा से जुर्म स्वीकार करने का प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया।
विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने अब्दुल शरीफ को दोषित साबित किया। दोषी के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि उसने जानबूझकर जुर्म नहीं किया। उसे कम से कम सजा दी जाए। कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ता को सुना। कोर्ट ने आबकारी अधिनियम के तहत अब्दुल शरीफ को 600 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना जमा नहीं करने पर दोषी को तीन दिन की साधारण कारावास भुगतनी होगी।

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