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    PHOTOS: डोर-टू-डोर कलेक्शन का दावा, हर महीने लाखों की खर्च... फिर भी कचरे में क्यों डूबा लोनी?

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 04:36 PM (IST)

    लोनी शहर में सफाई व्यवस्था की हालत खराब है, जिससे नागरिक परेशान हैं। हर महीने करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद, जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। लॉयन ग्रुप कंपनी को सफाई का ठेका दिया गया था, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम प्रशासन पर शिकायतें अनसुनी करने का आरोप लगाया है। नगर निगम का कहना है कि सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है।

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    बार्डर थाना के सामने नहर किनारे लगा कूड़े के ढेर। जागरण

    जागरण संवाददाता, लोनी। शहर के सफाई सिस्टम में सुधार के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। हर महीने 4.5 करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च करने के बावजूद, लोग फैली गंदगी से परेशान हैं। सड़कों के किनारे और खाली प्लॉट पर लगे कचरे के ढेर से निकलने वाली गंदगी और बदबू अब भी परेशानी का सबब बनी हुई है।

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    जनवरी 2021 में, लॉयन ग्रुप कंपनी को हर महीने 2.08 करोड़ रुपये के हिसाब से शहर को साफ रखने की ज़िम्मेदारी दी गई थी। इसे 2024 में बढ़ाकर 4.5 करोड़ रुपये से ज़्यादा कर दिया गया। कंपनी के काम में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और शहर के कचरे को डंपिंग ग्राउंड में डालकर उसका डिस्पोज़ल करना शामिल है।

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    बार्डर थाना के सामने कविता हाल के पास लगा कूड़े का ढेर। जागरण

    कंपनी के काम संभालने के बाद भी शहर के सफाई सिस्टम में सुधार नहीं हुआ है। कचरे में आस-पास के मवेशी प्लास्टिक और पॉलीथीन खाते दिख रहे हैं।

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    पूर्वी जवाहर नगर के सामने दिल्ली सहारनपुर मार्ग पर लगा कूड़े का ढेर। जागरण

    लोगों का आरोप है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी नगर निगम प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, रोज़ाना 400 मीट्रिक टन से ज़्यादा कचरा निकलता है।

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    दिल्ली सहारनपुर मार्ग पिलर नंबर 39के सामने कूड़े का ढेर। जागरण

    नगर पालिका के पास 1,600 सफाई कर्मचारी, 110 ट्रिपर, 120 ट्रैक्टर, 10 JCB, आठ डंपर, चार पोकलेन, एक बड़ा पोकलेन, दो रोडस्वीपर, दो गार्बेज कॉम्पेक्टर, दो डंपर प्लेसर और नौ डीजल इंजन हैं। इसके बावजूद, शहर में कचरा कलेक्शन समय पर नहीं हो रहा है।

    आस-पास पड़ा छोटा-मोटा कचरा हमारे पर्यावरण को गंदा करता है। लोगों को साफ हवा और पानी की जरूरत है। पर्यावरण को बचाने के लिए नगर पालिका को कचरा कलेक्शन और डिस्पोजल का इंतजाम करना चाहिए।

    - हुकुमचंद शर्मा, स्थानीय निवासी

    प्लॉट में कचरा जमा रहता है, जिससे बदबू आती है। मच्छर पनप रहे हैं। नगर पालिका इलाके की सफाई का दावा करती है, लेकिन कचरा कभी उठाया नहीं जाता।

    - सुमनलता, स्थानीय निवासी

    सड़कों पर कचरे के ढेर लगे हैं। आवारा जानवर कचरे के ढेर में जमा रहते हैं। गंदगी से मच्छरों का खतरा बढ़ गया है। जिम्मेदार लोगों को कचरा डिस्पोज करना चाहिए।

    - विशाल भाटी, लोकल निवासी

    सफाई कर्मचारी नालियों से कचरा निकालकर इकट्ठा करते हैं, लेकिन कचरा कई दिनों तक वहीं पड़ा रहता है। फिर सफाई कर्मचारी कचरा इधर-उधर फेंक देते हैं।
    - सुमित्रा, लोकल निवासी

    नगर निगम शहर के सफाई सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। जो भी कमियां होंगी, उन्हें ठीक किया जाएगा। कचरे के ढेर हटाए जाएंगे ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो।
    - राजकुमार, नगर निगम सफाई इंस्पेक्टर