खोड़ा कॉलोनी में पानी का संकट, ग्राउंड वॉटर 1000 फीट नीचे; रोजाना जेब हो रही ढीली
खोड़ा कॉलोनी में पानी की समस्या गंभीर है, जहाँ ग्राउंड वॉटर लेवल गिरने से हालात खराब हैं। एक हजार फीट पर भी सबमर्सिबल पंप फेल हो रहे हैं, जिससे निवासि ...और पढ़ें

खोड़ा कॉलोनी में बोतलबंद पानी खरीदते लोग। जागरण
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। करीब पांच दशक पहले बसी खोड़ा कॉलोनी की आबादी दिन-ब-दिन बढ़ रही है, लेकिन यहां के लोग आज भी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। ज़्यादा इस्तेमाल की वजह से ग्राउंड वॉटर लेवल लगातार गिर रहा है। हालात इतने खराब हैं कि एक हजार फीट की गहराई पर भी सबमर्सिबल पंप फेल हो रहे हैं। यहां हर परिवार को रोज़ पानी के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
खोड़ा कॉलोनी की मौजूदा आबादी लगभग 12 लाख हो गई है। इतनी बड़ी आबादी के लिए सबसे बड़ी समस्या पानी है। कुछ लोगों ने अपने घरों में सबमर्सिबल पंप लगवाए हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग उन्हें लगवा भी नहीं पाते। लोगों का कहना है कि कुछ जगहों पर ग्राउंड वॉटर लेवल 700 फीट है और कुछ जगहों पर एक हज़ार फीट से भी नीचे चला गया है। सबमर्सिबल पंप लगवाने में चार से पांच लाख रुपये का खर्च आता है।
इसलिए, कई लोग यह खर्च भी नहीं उठा पाते। इस बीच, कुछ लोगों ने यहां अवैध पानी का धंधा शुरू कर दिया है। अवैध टैंकर माफिया कॉलोनी में पानी सप्लाई करते हैं। वे 500 लीटर की टंकी भरने के लिए करीब 300 से 500 रुपये लेते हैं। यह पानी सिर्फ़ एक दिन चलता है। इसके अलावा, अगर टंकी दूसरी मंज़िल या उससे ऊपर भरवानी हो, तो 100 से 200 रुपये ज़्यादा लगते हैं। ये अवैध टैंकर माफिया बेबस लोगों का फायदा उठाकर बड़ा धंधा चला रहे हैं।
सबमर्सिबल पंप से टंकी भरने के लिए 2000 रुपये चार्ज
यहां सिर्फ अवैध टैंकर माफिया ही एक्टिव नहीं हैं, बल्कि कुछ लोगों ने सबमर्सिबल पंप लगवाकर पानी बेच रहे हैं, जिससे ग्राउंड वॉटर रिसोर्स खत्म हो रहे हैं। वे सबमर्सिबल पंप से पानी की टंकी भरने के लिए हर परिवार से हर महीने 2000 रुपये लेते हैं। वे भी हर महीने लाखों रुपये कमा रहे हैं।
"पानी खरीदना न सिर्फ बजट बिगाड़ता है, बल्कि हमारी पूरी ज़िंदगी पर असर डालता है। हमें घर के खर्चों और बच्चों की पढ़ाई में कटौती करनी पड़ती है।"
- राजू कुमार, स्थानीय निवासी।पानी की कमी के कारण खोड़ा में हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। ग्राउंड वॉटर लेवल गिर रहा है। अगर जल्द ही गंगाजल की सप्लाई शुरू नहीं हुई, तो हालात और बिगड़ जाएंगे।
- सुनील कुमार, स्थानीय निवासी।यहां हर परिवार पानी खरीदकर अपनी रोज़ की ज़रूरतें पूरी करता है। इससे घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ जाता है। बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ता है।
- अमरेंद्र कुमार, स्थानीय निवासी।पानी के लिए सबमर्सिबल पंप लगवाने में भी चार से पांच लाख रुपये लगते हैं। हमारे पास उतना बजट नहीं है। गुज़ारा करने के लिए पानी खरीदना ही बेहतर है।
- मनोज कुमार, स्थानीय निवासी।

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