जोगेंद्र हत्याकांड: मृतक बदमाश का दोस्त बयान से पलटा, कुख्यात भोला सहित दो दोषमुक्त
जोगेंद्र हत्याकांड में मृतक बदमाश का दोस्त अपने बयान से पलट गया, जिसके कारण कुख्यात भोला सहित दो आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया। गवाह के मुकरने से अभियोजन पक्ष का मामला कमजोर हो गया। अदालत ने आरोपियों को रिहा करने का फैसला सुनाया, जिससे पीड़ित परिवार में निराशा है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। लोनी थाना क्षेत्र में नौ फरवरी 2013 में कुख्यात बदमाश जोगेंद्र उर्फ जोगा हत्या के मामले में कोर्ट ने हत्यारोपित मिंटू और राजवीर उर्फ भोला आरोप से बरी बर दिया। घिटौरा मार्ग पर बाइक सवार तीन बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर जोगा की हत्या कर दी। मृतक को आठ गोलियां लगी थीं। जोगा के भाई ने अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध तहरीर दी है। पुलिस ने कपिल, मिंटू और राजवीर उर्फ भोला को गिरफ्तार कर हत्या का पर्दाफाश किया था। भोला भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदमाश है। भोला ने प्रदेश के चर्चित बदमाश जग्गू पहलवान की गैंगवार में हत्या कर दी थी।
लोनी के गनौली निवासी जोगेंद्र उर्फ जोगा अपने दोस्त रवि के साथ खड़खड़ी हनुमान मंदिर पर बंदरों को चने खिलाकर लौट रहा था। इसी दौरान बाइक सवार तीन बदमाशों ने रोक दिया। दो बदमाशों ने जोगा पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। यह देख उसका साथी रवि मौके से भाग गया। आठ गोलियां लगने से जोगा की मौके पर मौत हो गई थी। रवि ने वहां से भागकर जोगा के भाई को फोन से सूचना दी।
मौके पर पहुंचकर शव को सड़क पर रखा और पुलिस कंट्रोल रूम को घटना की जानकारी दी। तत्कालानी थाना प्रभारी विरेंद्र सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। रवि के मुताबिक दो बदमाशों ने मुंह पर कपड़ा बांध रखा था, जबकि एक बदमाश ने हेलमेट पहन रखा था। जिससे बदमाशों की पहचान नहीं हो सकी है। मारे गया जोगा पर लोनी थाने में अपहरण, आर्म एक्ट व पुलिस से मुठभेड़ के मामले दर्ज थे। उसका अन्य थानों में भी आपराधिक रिकार्ड था।
पुलिस ने हत्या के आरोप में कुख्यात बदमाश राजवीर उर्फ भोला को गिरफ्तार किया था। उसके पास मेड इन यूएसए पिस्टल बरामद हुई थी। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने कपिल और मिंटू के साथ मिलकर जोगा की हत्या को अंजाम दिया था। पुलिस ने तीनों के खिलाफ 302/34 आइपीसी के तहत आरोपपत्र दाखिल किया। घटना में मुख्य गवाह मृतक का दोस्त रवि था।
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कुल 10 गवाह पेश किए। लेकिन मुख्य गवाह रवि अदालत में अपने बयान से पलट गया। रवि ने कहा कि हत्या के दौरान वह मौके पर नहीं था। मुख्य गवाह के पलटने से केस कमजोर पड़ गया। अदालत ने पाया कि घटनास्थल से बरामद कारतूसों के अलावा पुलिस ने कोई हथियार न्यायालय में पेश नहीं किया गया। बचाव पक्ष ने दलील दी कि हत्यारोपित भोला घटना के दिन गांव में कबड्डी टूर्नामेंट में खेल रहा था।
अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोप को साबित नहीं कर सका। अदालत ने फैसले में कहा कि सिर्फ मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। विवेचना में गंभीर त्रुटियां हुई हैं। कोर्ट ने कहा कि मिंटू और राजवीर उर्फ भोला को साक्ष्य के अभाव में बरी किया जाता है। वहीं इस मामले में कपिल की मौत हो चुकी है। कोर्ट ने मुख्य गवाह रवि के खिलाफ झूठी गवाही देने पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 344 के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। यह फैसला 12 वर्ष बाद आया है।
कौन है राजवीर उर्फ भोला?
वर्ष 2012 से पहले गाजियाबाद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सुपारी किलर और गैंगस्टर जग्गू पहलवान का खौफ था। जग्गू पहलवान पर हत्या, रंगदारी, जानलेवा हमला करने सहित कई गंभीर धाराओं में 100 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। वर्ष 2012 में जग्गू पहलवान ने तत्कालीन एसएसपी गाजियाबाद को भी धमकी दे डाली थी।
28 दिसंबर 2012 को गैंगवार में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर जग्गू पहलवान की हत्या कर दी दी गई थी। यह हत्या भोला उर्फ राजवीर सहित दो अन्य बदमाशों ने की थी। राजवीर उर्फ भोला को 30 सितंबर 2022 को कोर्ट ने जग्गू की हत्या का दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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