संतोष के प्रयास से लगे गाजियाबाद के विकास को पंख
विवेक त्यागी गाजियाबाद दिल्ली दूर नहीं का नारा धरातल पर उतारने का काम गाजियाबाद वाल ...और पढ़ें

विवेक त्यागी, गाजियाबाद :
'दिल्ली दूर नहीं' का नारा धरातल पर उतारने का काम गाजियाबाद वालों के लिए आइएएस संतोष यादव ने किया। जिले में मेट्रो, एलिवेटेड रोड, एलिवेटेड लिक रोड, ग्रेड सेपरेटर, सिटी फारेस्ट, राजनगर एक्सटेंशन चौराहे व मेरठ तिराहे को जाम फ्री करने, हरनंदी नदी पर नया पुल, तिगरी बाइपास रोड बनवाकर गाजियाबाद व ग्रेटर नोएडा की कनेक्टिविटी बेहतर करने समेत शहर में फ्लाईओवर का जाल बिछाने व कई रेलवे ओवरब्रिज बनवाने का श्रेय उन्हीं को जाता है। वह वर्ष 1995 बैच के आइइएस अधिकारी हैं। गाजियाबाद में डीएम, जीडीए उपाध्यक्ष, एनसीआर प्लानिग बोर्ड के कमिश्नर रह चुके हैं। वर्तमान में वह भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय में अपर सचिव हैं। नई शिक्षा नीति बनाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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- गाजियाबाद में मेट्रो लाने को किए व्यक्तिगत प्रयास - संतोष यादव वर्ष 2012 से मई 2015 तक जीडीए उपाध्यक्ष रहे। पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने मेट्रो फेज-दो दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डे के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे लेकिन दिल्ली सरकार ने अनुमति नहीं दी। वर्ष 2014 में दिल्ली में अरविद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने तो संतोष यादव ने उनसे मुलाकात कर गाजियाबाद में मेट्रो लाने के लिए बातचीत की। संतोष यादव ने बताया कि दिल्ली के अधिकारियों को लगता था कि गाजियाबाद में मेट्रो विस्तार से दिल्ली में लोगों का दबाव बढ़ जाएगा, लेकिन उन्होंने समझाया कि मेट्रो विस्तार से दिल्ली पर दबाव बढ़ेगा नहीं, बल्कि कम होगा। यह बात मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल की समझ में आ गई, लेकिन वह कोई आदेश करते। उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। कुछ माह बाद वह दोबारा से दिल्ली के मुख्यमंत्री बने तो फिर से उनसे व्यक्तिगत मुलाकात की और गाजियाबाद में मेट्रो फेज-दो प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिलाई।
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- गाजियाबाद की जाम वाली छवि सुधारना आत्म सम्मान की बात थी - संतोष यादव ने बताया कि दिल्ली वाले गाजियाबाद आना बड़ा आफत का काम मानते थे। गाजियाबाद की छवि जाम वाले शहर की थी। इस छवि से उबारने को उन्होंने आत्म सम्मान की बात माना और फ्लाईओवर का जाल बिछाया। देश की पहली 10.5 किलोमीटर लंबी सिगल पिलर एलिवेटेड रोड की योजना बनाई, क्योंकि उन्होंने खुद भी आइआइटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिग कर रखी है। इसीलिए उन्होंने यूपी गेट से राजनगर एक्सटेंशन का शुरुआती खांचा खुद तैयार किया और फिर आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों की टीम से सर्वे रिपोर्ट मांगी। चार माह सर्वे व अध्ययन के बाद टीम ने उपरोक्त प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी, जिसके बाद उन्होंने एलिवेटेड रोड का निर्माण शुरू कराया। वर्ष 2015 में केंद्र सरकार के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में एनएच-9 को 14 लेन करने और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे बनाने का प्रस्ताव भी पहली बार उन्होंने ही दिया था। वर्ष 2009 में संतोष यादव एनसीआर प्लानिग बोर्ड में कमिश्नर थे। उस वक्त दिल्ली से मेरठ तक का सफर सुगम करने के रैपिड ट्रेन चलाने की योजना भी उन्होंने ही बनाई थी। भारत सरकार में रैपिड ट्रेन प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन पहली बार उन्होंने ही दिया था।
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- दिल्ली-गाजियाबाद के सभी बार्डर पर चौड़ी कराई सड़कें - दिल्ली से गाजियाबाद में प्रवेश करते समय लोगों को सुखद एहसास हो, इसके लिए उन्होंने जीडीए उपाध्यक्ष रहते आनंद विहार बार्डर पर दिल्ली जाने व आने वाले मार्ग, दिलशाद गार्ड बार्डर, भोपुरा बार्डर से हिडन एयरफोर्स के सड़कों का चौड़ीकरण कराया। मेरठ रोड पर हापुड़ से आने वाले लोगों को शहर में न आना पड़े। इसके लिए दुहाई से हरसांव तक मिनी बाइपास बनवाया। सिटी फारेस्ट जो आज गाजियाबाद का एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है। 250 एकड़ में उसे भी उन्होंने ही विकसित कराया। वैशाली मेट्रो स्टेशन व कलक्ट्रेट में मल्टीलेवल पार्किंग, राजेंद्र नगर में लोहिया पार्क समेत 15 से ज्यादा पार्क, आरडीसी का सुंदरीकरण व यहां की सड़कों का चौड़ीकरण भी उन्होंने ही कराया। ठाकुरद्वारा फ्लाईओवर, पुराने बस अड्डे के पास कैलिनवर्थ फ्लाईओवर, विवेकानंद आरओबी, डायमंड आरओबी, डासना आरओबी समेत काफी विकास कार्य उन्होंने ही कराए। जिस कारण गाजियाबाद के लोग उन्हें आज भी विकास पुरुष के रूप में याद करते हैं।

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