टेक्सटाइल इंडस्ट्री का हब बनेगा भारत, निट्रा में लगी देश की पहली मैनिकिन मशीन
भारत टेक्सटाइल इंडस्ट्री का वैश्विक हब बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके उत्पाद अमेरिका समेत 40 से अधिक देशों को निर्यात किए जाने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। पहली बार भारत में मिल्कवीड फाइबर (आक के पौधे के रेशे) से कपड़े बनाए जाएंगे। इसकी खेती देशभर में शुरू की जाएगी, शुरुआती तौर पर मध्य प्रदेश, राजस्थान और उड़ीसा में प्रत्येक में 100-100 एकड़ में खेती की जा रही है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। विश्व में भारत टेक्सटाइल इंडस्ट्री का हब बनेगा। टेक्सटाइल इंडस्ट्री के उत्पाद अमेरिका सहित 40 से अधिक देशों को निर्यात करने के लिए चिह्नित किया है। भारत में पहली बार मिल्कवीड फाइबर यानी आक के पौधे के रेशे से कपड़े बनेंगे। देशभर में इसकी खेती करने की योजना बनाई है। शुरुआत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा में 100-100 एकड़ में इसकी खेती की जा रही है।
इस इंडस्ट्री से 2030 तक छह करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। ये बातें वस्त्र अनुसंधान संस्थान (निट्रा) पहुंचे केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहीं। उन्होंने निट्रा परिसर में आक की खेती का निरीक्षण कर देश की पहली मानवीय पुतला (मैनिकिन) मशीन का शुभारंभ।
कौन सा कपड़ा इंसानों के लिए सुरक्षित
इस मशीन से कौन सा कपड़ा इंसान के लिए कितना सुरक्षित है, यह पता लगेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आक की खेती में देश के नामचीन संस्थान योगदान दे रहे हैं। आक के पौधे का रेशा ताप रोधी, हल्का और महीन होने के चलते फायदेमंद साबित होगा। इस पौधे को बहुत कम पानी की जरूरत पड़ती है। इसे कहीं भी उगाया जा सकता है।
इसमें खाद और कीटनाशक की जरूरत नहीं है। एक बार उगाने के बाद करीब 10 वर्ष तक इससे फाइबर प्राप्त होता है। मंत्री ने मैनिकिन मशीन का शुभारंभ किया। यह वस्त्र उद्योग के साथ लोहा, स्टील, तेल, गैस, पेट्रोलियम, रेलवे और कैमिकल उद्योगों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। इस मशीन के माध्यम से फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

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