रुतबा दिखा 15 कोरोना मरीज हैं होम क्वारंटाइन
जागरण संवाददाता गाजियाबाद कोरोना की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भले ही
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : कोरोना की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भले ही तमाम प्रयास करने में जुटा है, लेकिन वीवीआइपी कल्चर इन प्रयासों पर पानी फेरने में जुटा है। जिले में 22 लोग ऐसे हैं, जो पॉजिटिव होने के बाद भी शासन और स्वास्थ्य विभाग की तमाम गाइडलाइन को नकारते हुए होम क्वारंटाइन हो गए। सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने बताया कि इनमें से सात मरीजों को स्वास्थ्य विभाग ने खोजकर पुलिस की मदद से अस्पतालों में भर्ती करवाया है, जबकि 15 मरीजों के मोबाइल बंद हैं। विभाग के पास उनका पता तक नहीं है। सूत्र बताते हैं कि भर्ती कराए गए सात लोगों से संपर्क किया गया तो इन्होंने कई नेताओं के नाम लेकर दबाव बनाने का प्रयास किया और स्वास्थ्य कर्मियों को धमकी तक दी। इस कारण मामला उच्चाधिकारियों तक भी पहुंचा। बाद में पुलिस की मदद से अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि कोरोना पॉजिटिव को होम क्वारंटाइन में नहीं रखा जा सकता। उन्हें अस्पताल में भर्ती करना जरूरी है, जिससे अन्य लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका न रहे। कुछ लोगों ने वीवीआइपी कल्चर के चलते अस्पतालों में भर्ती होने से इन्कार कर दिया है।
53 लोग लापता : 53 लोग ऐसे हैं जो पॉजिटिव होने के बाद से लापता हैं। उनका उपचार कहां चल रहा है, इसके बारे में संबंधित अधिकारियों को जानकारी नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि इनमें से कुछ मरीज ऐसे हैं जिन्हें पॉजिटिव हुए 15 से 20 दिन हो चुके हैं। सीएमओ ने ऐसे मरीजों की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन (एनयूएचएम) प्रभारी को जिम्मेदारी सौंपी है।
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