Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    CM योगी का वादा, अफसरों की सुस्ती: ग्रेटर गाजियाबाद अब पंचायत चुनाव के बाद, नए प्रधानों को तगड़ा झटका

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 07:25 PM (IST)

    ग्रेटर गाजियाबाद का प्रस्ताव अभी तक तैयार नहीं हुआ है और शासन से मंजूरी मिलने में कम से कम 4-5 महीने लगेंगे। ऐसे में मार्च-अप्रैल 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पहले हो जाएंगे। लोनी, खोड़ा, मुरादनगर और रजापुर ब्लॉक की कई ग्राम पंचायतों में चुने गए नए प्रधानों का कार्यकाल शुरू होने के कुछ ही महीनों बाद खत्म हो जाएगा, क्योंकि ये इलाके नगर निगम में शामिल हो जाएंगे। कई गांवों के लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं।

    Hero Image

    CM योगी कर चुके हैं घोषणा।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव वर्ष 2026 के मार्च-अप्रैल माह में होने संभावित हैं। लेकिन अब तक ग्रेटर गाजियाबाद का प्रस्ताव ही तैयार नहीं हो सका है। प्रस्ताव को तैयार का शासन के पास भेजने में अभी चार से पांच माह का वक्त लग सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसे में माना जा रहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद ही शासन की अनुमति मिलने के बाद ग्रेटर गाजियाबाद का गठन होगा, ऐसे में कई नवनिर्वाचित प्रधानों को झटका लगेगा, उनकी प्रधानी का कार्यकाल शुरू होने के कुछ माह बाद ही खत्म हाे सकता है।

    मुख्यमंत्री कर चुके हैं घोषणा

    नगर निगम का सीमा विस्तार कर ग्रेटर गाजियाबाद का गठन किया जाना है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घोषणा कर चुके हैं, उन्होंने नगर निगम को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। ग्रेटर गाजियाबाद में लोनी, खोड़ा, मुरादनगर नगर पालिका के साथ ही रजापुर ब्लाक की कई ग्राम पंचायतों को भी शामिल किया जाएगा।

    इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। कुछ ग्राम पंचायतों में रहने वाले लोगाें ने ग्रेटर गाजियाबाद में उनकी ग्राम पंचायत को शामिल न करने के लिए भी जिला प्रशासन को पत्र दिया है। इसके हिसाब से ही नगर निगम द्वारा ग्रेटर गाजियाबाद के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

    ग्रेटर गाजियाबाद बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में एसआइआर सहित अन्य कार्यक्रम चल रहे हैं, ऐसे में प्रस्ताव को तैयार करने में चार से पांच माह का वक्त लगने की उम्मीद है। प्रस्ताव तैयार कर जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को प्रेषित किया जाएगा।

    -

    विक्रमादित्य सिंह मलिक, नगर आयुक्त