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    कैसे तेज गति से विकसित हों पर्यटन सुविधाएं? गाजियाबाद में नहीं है पर्यटन विभाग का कार्यालय

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 08:24 AM (IST)

    गाजियाबाद में पर्यटन विभाग का कार्यालय न होने से पर्यटन सुविधाओं का विकास बाधित है। यहां ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के कई मंदिर हैं, जिनका सुंदरीकरण किया जा रहा है। हरनंदी नदी पर रिवर फ्रंट और गंगनहर पर पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने की मांग है। बेहतर कनेक्टिविटी के कारण पर्यटन विकास की आपार संभावनाएं हैं। पर्यटन विभाग के कार्यालय का प्रस्ताव दोबारा भेजा जाएगा।

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    हरनंदी नदी की फोटो। जागरण

    अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। काशी, मथुरा, अयोध्या के कारण उत्तर प्रदेश में हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु देश और विदेश से आते हैं। प्रदेश सरकार चाहती है कि प्रत्येक जिले में पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएं, लेकिन गाजियाबाद में पर्यटन विभाग का कार्यालय ही नहीं है। ऐसे में सवाल है कि पर्यटन सुविधाएं तेज गति से कैसे विकसित हो सकेंगी। यदि जिले में कार्यालय बने तो पर्यटन सुविधाएं तेज गति से विकसित हो सकेंगी, यहां पर भी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

    ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से गाजियाबाद एक महत्वपूर्ण जिला है। इस जिले में रामायण काल से लेकर महाभारत काल तक के मंदिर हैं। दूधेश्वरनाथ मंदिर में हर साल सावन माह में लाखों की संख्या में कांवड़िए जल चढ़ाने के लिए आते हैं। सुराना में स्थित घुमेश्वर नाथ महादेव मंदिर में सावन के दिनों में मेला लगता है।

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    मोदीनगर स्थित सीकरी माता के मंदिर में नवरात्र के दिनों में आसपास के राज्यों से श्रद्धालु आते हैं। कुन्हैड़ा गांव में परशुराम मंदिर की भी पौराणिक मान्यता है। इन चारों मंदिरों के सुंदरीकरण को पर्यटन सुविधाओं के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बजट भी जारी किया गया है। दूधेश्वरनाथ मंदिर में सुदंरीकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। परशुराम मंदिर, सीकरी माता मंदिर में सुंदरीकरण का कार्य जारी है।

    इनके अलावा जिले में हरनंदी नदी पर रिवर फ्रंट बनाने, मुरादनगर गंगनहर स्थित छोटा हरिद्वार पर पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने की मांग लंबे समय से शहर के लोग कर रहे हैं। हरनंदी नदी किनारे तो छठ पर्व पर न केवल गाजियाबाद बल्कि गौतमबुद्धनगर, दिल्ली से भी बड़ी संख्या श्रद्धालु आते हैं। इन दोनों स्थानों पर पर्यटन सुविधाओं को विकसित करने का कार्य फिलहाल ठंडे बस्ते में है। 

    जिन चारगेटों के अंदर गाजियाबाद शहर को मुगलकाल में बसाया गया था, उन गेटों की स्थिति भी खराब हो रही है। एक गेट तो गायब ही हो गया है। दिल्ली से करीब होने के कारण यदि गाजियाबाद में पर्यटन सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाए तो जिले में पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी, इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और जिले की अलग पहचान भी बनेगी।


    बेहतर कनेक्टिविटी का भी मिलेगा फायदा

    जिले में पिछले कुछ सालों में कनेक्टिविटी की सुविधाओं को बेहतर किया गया है। यहां पर नमो भारत ट्रेन, मेट्रो टेन का परिचालन हो रहा है। मेरठ, हरियाणा, दिल्ली से कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेस-वे बनाए गए हैं। गाजियाबाद रेलवे स्टेशन का भी कायाकल्प किया जा रहा है। यहां पर हिंडन एयरपोर्ट भी है, जिसका विस्तार भी किया जाना प्रस्तावित है। ऐसे में पर्यटन सुविधाएं बेहतर होने पर गाजियाबाद में न केवल आसपास के जिलों से बल्कि दूर के राज्यों से भी लोग आ सकेंगे।



    जिले में पर्यटन विभाग के कार्यालय को बनाने के लिए पूर्व जिलाधिकारी दीपक मीणा के समय पर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। अब नए सिरे से प्रस्ताव तैयार कर वर्तमान जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा जाएगा। जिससे कि जिले में पर्यटन विभाग का कार्यालय बन सके।

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    - सुरेश रावत, जिला पर्यटन अधिकारी