टीबी निक्षय मित्र बनाने में यूपी में गाजियाबाद अव्वल, रोगियों के बेहतर इलाज को प्रदेश में मिला छठा स्थान
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में टीबी निक्षय मित्र बनाने में प्रथम रहा। टीबी रोगियों के बेहतर इलाज के लिए इसे प्रदेश में छठा स्थान मिला है। निक्षय मित्र टीबी रोगियों को पोषण और भावनात्मक समर्थन देकर टीबी उन्मूलन में सहयोग करते हैं। यह उपलब्धि गाजियाबाद के स्वास्थ्य विभाग और निक्षय मित्रों के समर्पण का परिणाम है।

मदन पांचाल, गाजियाबाद। केंद्र एवं प्रदेश सरकार इस साल के अंत तक टीबी का खात्मा करने को प्रयासरत है। इसी को लेकर जांच के साथ ट्रीटमेंट बढ़ाया जा रहा है। हाल ही में जारी हुई प्रगति रिपोर्ट के अनुसार टीबी निक्षय मित्र बनाने में प्रदेश में गाजियाबाद जिला अव्वल आया है।
दूसरे नंबर पर वाराणसी, तीसरे पर खीरी, चौथे पर बिजनौर और पांचवे नंबर पर हरदोई है। लखनऊ को छठा स्थान मिला है। इसके अलावा जिले को टीबी रोगियों का बेहतर इलाज करने पर प्रदेश में छठा स्थान मिला है। जिले में वर्तमान में 18510 टीबी रोगी हैं। साथ ही 3894 निक्षय मित्र हैं।
प्रदेश स्तर से जारी की गई सूची के अनुसार 30 अक्टूबर तक प्रदेश में कुल 57640 निक्षय मित्र बनाये गये हैं। इनमें 43011एनसीसी कैडेट्स एवं एनएसएस वालंटीयर हैं।इससे पहले एक संस्थान की ओर से 15 टीबी मरीजो को गोद लिया गया था। संस्था की ओर से एक किलोग्राम मंगफली, भूना हुआ चना, गुड़, तिल आदि प्रतिमाह दिया जा रहा है।
निक्षय मित्र को जानें
टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सामुदायिक भागीदारी के लिये निक्षय मित्र एक बड़ी पहल है। इस पहल का एक मुख्य उद्देश्य टीबी रोग से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करना है। इस पहल के तहत, सामुदायिक क्षेत्र से कोई भी व्यक्ति, कोई स्वयं सहायता समूह, औद्योगिक इकाई, एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस कार्यकर्ता,सहकारी समिति या राजनीतिक दल टीबी रोगियों को गोद लेकर निक्षय मित्र बन सकते हैं। जो आर्थिक सहयोग करेगा वह पुष्टाहार पोटली भी वितरित करेगा। इसके अलावा सामाजिक भागीदारी के साथ भावनात्मक सहयोग भी कर सकतें हैं।
ऐसे बने निक्षय मित्र
निक्षय मित्र बनने के लिए सबसे पहले निक्षय पोर्टल पर लॉगिन करना होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान पर क्लिक करें। फिर निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कर इस अभियान से जुड़ सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद सुविधानुसार निक्षय सहायता के लिए टीबी रोगियों का चयन किया जा सकता है।
प्रदेश के टॉप टेन जिलों का विवरण
| जनपद | कुल निक्षय मित्र | NCC कैडेट्स एवं NSS वालंटीयर |
|---|---|---|
| गाजियाबाद | 3,894 | 2,776 |
| वाराणसी | 3,226 | 2,847 |
| खीरी | 2,570 | 116 |
| बिजनौर | 2,468 | 2,380 |
| हरदोई | 1,930 | 1,279 |
| लखनऊ | 1,790 | 1,048 |
| मथुरा | 1,590 | 1,133 |
| बहराइच | 1,484 | 1,389 |
| अयोध्या | 1,395 | 1,263 |
| गोरखपुर | 1,192 | 278 |
सबसे खराब पांच जिलों का विवरण
गौतमबुद्ध नगर में 169, बागपत में 209, हापुड़ में 521, मेरठ में 525 और बुलंदशहर में अब तक 739 निक्षय मित्र बनाये गये हैं।
निक्षय मित्र बनाये जाने से टीबी रोगियों की निगरानी में सुधार हुआ है। उनका सहयोग करने के लिए घर के पाय ही एक दोस्त मिला है, जो उसकी देखभाल के साथ नियमित दवाएं लिये जाने में रिमाइंडर का काम कर रहे हैं। रोगियों को पुष्टाहार वितरण का भी ख्याल रखते हैं।

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