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    गाजियाबाद में टीबी जांच अभियान: 20 हजार मरीजों में 1,371 बच्चे शामिल, घर-घर शिविर और विशेषज्ञ ट्रेनिंग जारी

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    गाजियाबाद में टीबी जांच अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें 20 हजार मरीजों की जांच की गई है, जिनमें 1,371 बच्चे शामिल हैं. इस अभियान के तहत, घर-घर शिविर लग ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। टीबी को हराने के लिये स्वास्थ्य विभाग इन दिनों घर घर जाकर जांच शिविर लगा रहा है। खासकर अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में मोबाइल वेन में डिजिटिल एक्स-रे मशीन लेकर टीमें घूम रहीं है। संदिग्ध मरीज की मौके पर एक्स-रे जांच की जा रही है।

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    जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनिल कुमार यादव ने बताया कि शासन के निर्देश पर इन दिनों टीबी संक्रमित बच्चों को ट्रेस करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की ओपीडी में पहुंचने वाले बीमार बच्चों की टीबी जांच प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए आनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

    साथ ही चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को इस संबंध में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिये गये हैं। उनका कहना है कि जिले में वर्तमान में 20 हजार से अधिक लोग टीबी संक्रमित है। इनमें 1371 टीबी संक्रमित बच्चे शामिल हैं। सभी का नियमित उपचार चल रहा है।

    बाल रोग विशेषज्ञों को दी जा रही ट्रेनिंग

    इस कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के बाल रोग विशेषज्ञों और उनकी टीम को ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि बच्चों में छुपे टीबी मरीजों की पहचान की जा सके। शून्य से आठ वर्ष तक के बच्चे टीबी जांच को स्पूटम (बलगम) का नमूना नहीं दे पाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सभी जगह ट्रेनिंग कराई जा रही है।

    सभी सीएचसी पर इसकी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। बच्चों में टीबी की जांच के लिए गैस्ट्रिक एस्पिरेट और इंडयूज्ड स्पूटम के माध्यम से सैंपल लिया जाएगा। इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों के बाल रोग विशेषज्ञ भी सहयोग कर रहे हैं।

    इसके लिए जिला एमएमजी अस्पताल, जिला संयुक्त अस्पताल और जिला महिला अस्पताल में ट्रेनिंग दी जाएगी। बाल रोग विशेषज्ञ डा. विपिन ने बताया कि बच्चों में टीबी की पहचान बड़ों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण होती है। कई मामलों में लक्ष्ण स्पष्ट नहीं होते, जिससे बीमारी लंबे समय तक छुपी रह जाती है।