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    गाजियाबाद के स्कूलों में बच्चे चटाई पर कर रहे हैं पढ़ाई, सर्दी में बीमार पड़ने का खतरा बढ़ा

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 06:40 AM (IST)

    गाजियाबाद के कई स्कूलों में फर्नीचर की कमी के कारण छात्रों को ठंड में फर्श पर बैठना पड़ रहा है। निडोरी और ढबारसी जैसे स्कूलों में सैकड़ों छात्रों के पास डेस्क नहीं हैं। इस्लाम नगर और लाल कुआँ के स्कूलों में भी यही स्थिति है, जहाँ बच्चे चटाई पर बैठने को मजबूर हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इससे बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। शिक्षा अधिकारी ने जल्द ही फर्नीचर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

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    गाजियाबाद के कई स्कूलों में फर्नीचर की कमी के कारण छात्रों को ठंड में फर्श पर बैठना पड़ रहा है। फाइल फोटो

    दीपा शर्मा, गाजियाबाद। नवंबर का महीना चल रहा है। तापमान में लगातार गिरावट के साथ-साथ ठंड भी बढ़ रही है। ऐसे में जिन बच्चों के पास स्कूल फर्नीचर नहीं है, उन्हें और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। वे फर्श पर बिछी चटाई पर बैठते हैं। बारिश के मौसम में जिन स्कूलों में पानी भर गया था, वे अभी तक पूरी तरह से खाली नहीं हुए हैं।

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    इन स्कूलों को और भी ज़्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। ठंडे फर्श पर बैठने से बच्चों को सर्दी लगने और बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। यह सिर्फ़ इसी साल की बात नहीं है। कई स्कूलों में बच्चों को हर सर्दी में इस समस्या का सामना करना पड़ता है। सर्दियों में फर्श पर बैठने वाले बच्चे अक्सर खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित होते हैं।

    जिले के 15 से ज़्यादा परिषदीय स्कूलों में डेस्क की कमी है। पर्याप्त डेस्क न होने के कारण, कुछ बच्चे फर्श पर बिछी चटाई या चटाई पर बैठते हैं। कुछ को डेस्क उपलब्ध कराए गए हैं। प्राथमिक विद्यालय निडोरी में कुल 357 छात्र नामांकित हैं, जिनमें से लगभग 100 के पास फर्नीचर नहीं है। वहीं, ढबारसी स्थित कम्पोजिट स्कूल में लगभग 350 बच्चों के लिए फर्नीचर की ज़रूरत है।

    इस्लाम नगर प्राथमिक विद्यालय की इमारत तो काफी अच्छी हालत में है, लेकिन फर्नीचर की कमी के कारण बच्चे ज़मीन पर बिछी चटाई पर पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल की आठ कक्षाओं में लगभग 450 छात्र ज़मीन पर बिछी चटाई पर बैठते हैं। प्रधानाध्यापक मोहम्मद इकबाल ने बताया कि स्कूल में फर्नीचर की कमी है। विभाग से अनुरोध किया गया था, लेकिन बच्चों को अभी तक फर्नीचर नहीं मिला है।

    वहीं, लाल कुआँ प्राथमिक विद्यालय में भी फर्नीचर की कमी बच्चों के लिए काफी मुश्किलें खड़ी करती है। बारिश के मौसम में कक्षाओं में पानी भर जाता है, जिससे भारी सीलन हो जाती है। बच्चों के बैठने के लिए बेंच तक नहीं हैं। स्कूल में लगभग 150 छात्र हैं। चटाई पर बैठना एक बड़ी चुनौती है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ रही है, बच्चों को ज़मीन पर बैठने में बहुत ठंड लग रही है। इससे उन्हें सर्दी लगने और बीमार होने का खतरा है।

    जिला एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. आलोक रंजन का कहना है कि सर्दियों में ठंडे फर्श पर पढ़ने वाले बच्चों के बीमार पड़ने का खतरा ज़्यादा होता है। ठंडे फर्श पर बैठने से बच्चों को सर्दी लगने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे उन्हें खांसी, जुकाम और बुखार हो सकता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बच्चों को फर्श पर बैठना उचित नहीं है। इससे उन्हें आँखों और तंत्रिका संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

    स्कूलों में फर्नीचर पहुँचना शुरू हो गया है। एक स्कूल को यह मिल भी गया है। जल्द ही सभी स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए बेंचें लग जाएँगी। सभी स्कूलों में जल्द से जल्द फर्नीचर पहुँचाने के प्रयास चल रहे हैं।
    - ओपी यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी, गाजियाबाद