गाजियाबाद: बिजली चोरी में अधिकारियों की लापरवाही उजागर, 45 करोड़ की वसूली में सिर्फ 30 लाख ही आए
गाजियाबाद में बिजली चोरी के मामलों में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। विभाग को 45 करोड़ रुपये की वसूली करनी थी, लेकिन केवल 30 लाख रुपये ही जमा हो ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। बिजली चोरी के मामलों में दर्ज एफआइआर से जुड़े प्रकरणों के निस्तारण में उपभोक्ताओं की उदासीनता के साथ-साथ अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है। विद्युत निगम की ओर से राहत और समाधान के अवसर दिए जाने के बावजूद वसूली की रफ्तार धीमी है।
आंकड़ों के अनुसार जोन-दो में बिजली चोरी के 9,951 उपभोक्ता चिह्नित किए गए हैं। इनसे करीब 45 करोड़ रुपये का राजस्व वसूल किया जाना है, लेकिन अब तक केवल 200 के करीब उपभोक्ताओं का ही पंजीकरण हो सका है।
30 लाख की ही हो पाई वसूली
इससे करीब 30 लाख रुपये की ही वसूली हो पाई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यदि अधिकारी सक्रियता दिखाते तो राजस्व वसूली की स्थिति कहीं बेहतर हो सकती थी। अधिकारियों की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए जोन-दो के मुख्य अभियंता नरेश भारती ने सभी उपखंड अधिकारियों और अधिशासी अभियंताओं को सख्त निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि बिजली चोरी थाना और विजिलेंस टीम के साथ संयुक्त अभियान चलाकर एफआइआर वाले उपभोक्ताओं से संपर्क किया जाए और जुर्माने की वसूली सुनिश्चित की जाए। बिजली चोरी के मामलों में जिन उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज है, उन्हें बकाया राशि जमा कर प्रकरण निस्तारित कराने का अवसर दिया गया है।
बिजली बिल राहत योजना के तहत दिसंबर माह में जुर्माने पर 50 प्रतिशत छूट के साथ शमन शुल्क जमा करने का प्रावधान है। वहीं जनवरी में 45 और फरवरी में 40 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

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