AQI बढ़ा तो मीटर ऑफ, वसुंधरा में 'खराबी' का बहाना; गाजियाबाद में चल रहा प्रदूषण छिपाने का खेल!
गाजियाबाद में प्रदूषण के आंकड़ों को छिपाने का आरोप है। वसुंधरा में प्रदूषण मापने वाला मीटर खराब बताकर बंद कर दिया गया है, जिससे AQI के झूठे आंकड़े दिखाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मिलीभगत से ऐसा हो रहा है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

गाजियाबाद में प्रदूषण के आंकड़ों को छिपाने का आरोप है।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। जब भी जिले का एक्यूआई बढ़ता है, तो एक स्थान पर लगा प्रदूषण मीटर बंद हो जाता है। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कम हो जाता है। रविवार को वसुंधरा में प्रदूषण मीटर बंद रहा, जिससे इस पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दोपहर तीन बजे जिले का एक्यूआई 342 दर्ज किया गया।
वसुंधरा, इंदिरापुरम, संजय नगर और लोनी में प्रदूषण मीटर लगाए गए हैं। इनमें से लोनी और वसुंधरा के प्रदूषण मीटर अक्सर बंद रहते हैं। लोगों का कहना है कि सबसे प्रदूषित वायु गुणवत्ता वाले इलाकों में मीटर बंद हो जाता है, जिससे औसत एक्यूआई में गिरावट आती है। वहीं, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू होने के बाद से जिले की वायु गुणवत्ता खराब और बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है।
हवा की गति के साथ एक्यूआई में उतार-चढ़ाव होता रहता है। हवा की गति कम होने पर एक्यूआई बढ़ता है और बढ़ने पर एक्यूआई घटता है। दिन भर कुछ जगहों पर पानी छिड़कने के अलावा, अधिकारियों की ओर से कोई ख़ास कार्रवाई नज़र नहीं आ रही है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह का कहना है कि प्रदूषण मापक यंत्र केवल तकनीकी खराबी आने पर ही बंद होते हैं। इन्हें जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा।
जिले के स्टेशनों का AQI
- इंदिरापुरम 318
- लोनी 372
- संजय नगर 336
- वसुंधरा बंद

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