गाजियाबाद पुलिस ने 1059 बदमाशों को किया पाबंद, वीडियो कॉल और लोकेशन मांग हो रही निगरानी
गाजियाबाद पुलिस ने 1059 बदमाशों को पाबंद किया है। इन बदमाशों पर वीडियो कॉल और लोकेशन के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है। पुलिस का उद्देश्य अपराध को रो ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। पुलिस कमिश्नरेट ने चार महीने में 1059 बदमाशों को बीएनएसएस की धारा 129 (जी) के तहत पाबंद किया है। बदमाशों को तीन साल के लिए पाबंद किया गया है। पाबंद अवधि में बदमाश को हर सप्ताह अपने क्षेत्र के थाने में हाजिरी लगानी पड़ रही है। बीट कांस्टेबल वीडियो कॉल और लोकेशन मांग उनकी निगरानी रखे हुए हैं। जबकि 5301 अपराधियों को नोटिस जारी कर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पाबंदी की अवधि में अपराधियों को खुला नहीं छोड़ा गया है। पुलिस हर सप्ताह उन्हें अपने थानाक्षेत्र में हाजिरी लगवा रही है। बीट कांस्टेबल नियमित रूप से इन अपराधियों से वीडियो कॉल कर उनकी स्थिति की पुष्टि कर रहे हैं।
कई बार उनसे लाइव लोकेशन भी मंगाई जाती है, ताकि उनकी मौजूदगी और गतिविधियों पर सीधी निगरानी बनी रहे। इसके साथ ही पुलिसकर्मी उनके घर जाकर भी औचक सत्यापन कर रहे हैं। इस सतत निगरानी का मकसद यह देखना है कि कौन अपराध से दूर है और कौन दोबारा रास्ता बदलने की कोशिश कर रहा है।
पुलिस ने 29 जुलाई से अभियान चलाकर सभी थानाक्षेत्रों में चोरी, लूट, स्नैचिंग, डकैती, नकबजनी, वाहन चोरी और सार्वजनिक शांति भंग करने वाले असामाजिक तत्वों को चिन्हित किया। सहायक पुलिस आयुक्त की कार्यपालक मजिस्ट्रेट कोर्ट के माध्यम से बंधपत्र भरवाकर अपराधियों को कानूनी दायरे में बांधा गया।
पुलिस का कहना है कि कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने से त्वरित निर्णय, मजिस्ट्रेट शक्तियों का सीधा उपयोग और आधुनिक तकनीक के सहारे निरोधात्मक पुलिसिंग को मजबूती मिली है। पुलिस का कहना है कि इससे अपराधोें में कमी आ रही है। लंबी अवधि में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में इससे मदद मिलेगी।
बीएनएसएस की धारा 129(जी) के तहत की जा रही कार्रवाई केवल पाबंदी तक सीमित नहीं है, बल्कि निरंतर निगरानी इसका अहम हिस्सा है। अपराधियों पर यह सख्त नजर आगे भी बनी रहेगी और जनसुरक्षा गाजियाबाद पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
जे रविंदर गौड, पुलिस आयुक्त

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