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    स्नेचिंग रोकने को गाजियाबाद पुलिस ने 10 साल का डाटाबेस खंगाला, 1205 बदमाश रडार पर

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 08:17 AM (IST)

    गाजियाबाद पुलिस ने स्नैचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए पिछले 10 वर्षों के डेटाबेस को खंगाला है। इस डेटाबेस में 1205 बदमाशों की पहचान की गई है, जिन्हें पुलिस के रडार पर रखा गया है। पुलिस का उद्देश्य स्नैचिंग की वारदातों को रोकना और अपराधियों को पकड़ना है, जिसके लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।

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    विनीत कुमार, गाजियाबाद। मोबाइल, पर्स और चेन स्नेचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गाजियाबाद पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने पिछले 10 वर्षों में स्नेचिंग के कुल 1498 आरोपितों का विस्तृत डाटाबेस तैयार किया है। इनमें से लगभग 950 आरोपित गाजियाबाद के स्थानीय निवासी हैं, जबकि शेष अन्य जिलों से ताल्लुक रखते हैं। इस डाटाबेस को थाना और बीट स्तर की निगरानी व्यवस्था से जोड़ दिया गया है, ताकि ये बदमाश दोबारा अपराध की दुनिया में सक्रिय न हो सकें।

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    पुलिस की इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य स्नेचिंग को खत्म करना है। इसके लिए पिछले 15 दिनों में एक विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें इन सभी आरोपितों का भौतिक सत्यापन किया गया। सत्यापन के दौरान उनके वर्तमान पता, रोजगार, परिवार और गतिविधियों की गहन जांच की गई। अभियान के दौरान 1205 बदमाशों का सत्यापन पूरा किया गया और तीन सक्रिय अपराधियों पर नए मुकदमे दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की गई।

    अभियान में और सख्ती दिखाते हुए पुलिस ने 295 बदमाशों को सक्रिय एवं संभावित अपराधी की सूची में शामिल किया है। इनकी हर गतिविधि पर अब लगातार नजर रखी जाएगी। साथ ही 507 बदमाशों के फोटो कोलाज तैयार कर सभी थानों, चौकियों और बीट अधिकारियों को वितरित कर दिए गए हैं। इससे गश्त और चेकिंग के दौरान इन चेहरों को तुरंत पहचानकर कार्रवाई की जा सकेगी।

    निगरानी को और मजबूत बनाने के लिए 62 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। हिस्ट्रीशीट खुलने से इनकी हर छोटी-बड़ी हरकत पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। सबसे कठोर कार्रवाई के तौर पर 33 आरोपितों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है। इन पर आरोप है कि ये गिरोह बनाकर लगातार स्नेचिंग की वारदातों को अंजाम देते थे।

    डाटाबेस तैयार होने से हमें पता है कि कौन बदमाश अभी सक्रिय है और कौन नहीं। जिनके फिर से अपराध में शामिल होने की संभावना है, उन पर हमारी पैनी नजर रहेगी। स्नेचिंग को हर हाल में कम करना हमारा लक्ष्य है।
    आलोक प्रियदर्शी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त